स्वच्छता के बाद अब वायु गुणवत्ता में भी अव्वल: स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 में इंदौर टॉप पर

भारत के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में पहचान बना चुके इंदौर ने अब ‘स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025’ में भी पहला स्थान प्राप्त किया है। यह सर्वेक्षण ‘राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम’ (NCAP) के अंतर्गत किया गया, जिसमें एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में वायु प्रदूषण कम करने के लिए किए गए वास्तविक प्रयासों को आंका गया। हालांकि, इंदौर में पीएम10 (PM10) प्रदूषक के स्तर में वृद्धि दर्ज की गई है, फिर भी इसे शीर्ष स्थान मिला है क्योंकि इस सर्वे में प्रदूषण नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों को अधिक महत्व दिया गया है।

इंदौर की सफलता के पीछे की रणनीति

इंदौर ने स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में 2023 के बाद 2025 में पुनः पहला स्थान प्राप्त किया है, जबकि पिछले वर्ष यह छठवें स्थान पर खिसक गया था। इंदौर ने अपने शहर में विभिन्न स्रोतों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ठोस उपाय किए हैं जैसे कि निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण, वाहन प्रदूषण पर निगरानी, हरित आवरण को बढ़ावा और अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार। इसके बावजूद, 2024-25 में इंदौर में पीएम10 की औसत वार्षिक सांद्रता 83 μg/m3 रही, जो 2017-18 के 82 μg/m3 से अधिक है।

अन्य प्रमुख शहरों की स्थिति

स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 में इंदौर के बाद जबलपुर (मध्यप्रदेश) दूसरे स्थान पर रहा, जबकि आगरा और सूरत को तीसरा स्थान साझा मिला। अन्य शहरों की रैंकिंग इस प्रकार रही:

  • नवी मुंबई – 4वां स्थान
  • कानपुर – 5वां
  • भोपाल – 6वां
  • प्रयागराज – 7वां
  • चंडीगढ़ – 8वां
  • पुणे, अहमदाबाद और नागपुर – संयुक्त 10वां
  • वाराणसी और रायपुर – संयुक्त 11वां
  • लखनऊ – 15वां
  • दिल्ली – 32वां
  • बेंगलुरु – 36वां
  • कोलकाता – 38वां
  • चेन्नई – 41वां

दिलचस्प बात यह है कि चेन्नई, वाराणसी, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे शहरों में इंदौर की तुलना में 2024-25 में कम पीएम10 सांद्रता रही, फिर भी रैंकिंग में पीछे रहे। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इस बार रैंकिंग में पीएम10 के स्तर को कम महत्व दिया गया।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • स्वच्छ वायु सर्वेक्षण की शुरुआत 2022 में हुई थी, और पहला स्थान लखनऊ को मिला था।
  • 2025 में अमरावती (महाराष्ट्र) को 3-10 लाख जनसंख्या श्रेणी में प्रथम स्थान मिला।
  • 3 लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों में देवास (मध्यप्रदेश) ने पहला स्थान प्राप्त किया।
  • राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत 130 शहरों में से 103 शहरों में पीएम10 स्तर में गिरावट आई है।

पीएम10 स्तर में सबसे अधिक सुधार

राष्ट्रीय पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार, 2024-25 में निम्नलिखित शहरों में पीएम10 स्तर में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई:

  • मुंबई – 44% गिरावट
  • कोलकाता – 37%
  • हैदराबाद और बेंगलुरु – 26%
  • दिल्ली – 15%
  • चेन्नई – 12%

इनमें से केवल चेन्नई ही एकमात्र मेट्रो शहर है जिसने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु मानक (60 μg/m3) को पार कर लिया है।

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