सतत विकास लक्ष्यों के लिए निवेश संकट: वैश्विक रिपोर्ट ने उजागर की गहरी चुनौतियाँ

2025 वर्ल्ड इन्वेस्टमेंट रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक निवेश परिदृश्य अब भी उन देशों और क्षेत्रों से दूर हो रहा है जिन्हें सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति के लिए सर्वाधिक निवेश की आवश्यकता है। 19 जून 2025 को जेनेवा में जारी इस रिपोर्ट में आगाह किया गया कि निवेश की यह विषमता विशेष रूप से सबसे गरीब और संवेदनशील अर्थव्यवस्थाओं में नौकरियों, बुनियादी ढांचे और सतत विकास को रोक रही है।

अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशिया में आंशिक वृद्धि, लेकिन कुल FDI स्थिर

2024 में अफ्रीका में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में 75% की वृद्धि हुई, जो $97 बिलियन तक पहुंच गया — इसमें से अकेले मिस्र के एक $35 बिलियन के मेगाप्रोजेक्ट का योगदान प्रमुख रहा। फिर भी, विकासशील देशों को मिलने वाला कुल FDI समग्र रूप से स्थिर बना रहा।

SDGs से संबंधित क्षेत्रों में निवेश गिरावट

2024 में विकासशील देशों में SDG-उन्मुख निवेश में व्यापक गिरावट दर्ज की गई:

  • इन्फ्रास्ट्रक्चर: 35% की गिरावट
  • नवीकरणीय ऊर्जा: 31% की गिरावट
  • जल, स्वच्छता और स्वच्छता (WASH): 30% की गिरावट
  • कृषि-खाद्य प्रणाली: 19% की गिरावट

केवल स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों ने 25% की वृद्धि दर्ज की, लेकिन स्वास्थ्य का आधार अभी भी काफी छोटा है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • अफ्रीका को मिला FDI (2024): $97 बिलियन, जो वैश्विक FDI का 6% है।
  • SDGs की पूर्ति हेतु वार्षिक निवेश आवश्यकता: $4–5 ट्रिलियन
  • फार्मास्युटिकल ग्रीन-फील्ड निवेश में अफ्रीका की भागीदारी: पिछले 20 वर्षों में 5% से कम
  • LDCs में IPF (इंटरनेशनल प्रोजेक्ट फाइनेंस) का योगदान: कुल बुनियादी ढांचे निवेश का 60–70%

IPF गिरावट का गंभीर प्रभाव

रिपोर्ट ने यह उजागर किया कि इंटरनेशनल प्रोजेक्ट फाइनेंस (IPF) में हालिया गिरावट SDGs-उन्मुख निवेश में अंतराल को और बढ़ा रही है। IPF पर निर्भर छोटे द्वीपीय विकासशील राष्ट्रों और सबसे कम विकसित देशों (LDCs) में यह गिरावट विशेष रूप से गंभीर रही है। महंगाई, ब्याज दरों में वृद्धि और वित्तीय अस्थिरता ने लंबी अवधि के पूंजी प्रवाह को सीमित कर दिया है।

नवीकरणीय ऊर्जा में असमानता

हालांकि नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेशकों की रुचि बनी हुई है, परंतु निवेश का बड़ा हिस्सा उन्हीं विकासशील देशों को मिल रहा है जिनकी वित्तीय व्यवस्था पहले से परिपक्व है। LDCs में सौर और पवन परियोजनाओं को पूंजी लागत और मुद्रा अस्थिरता के कारण या तो स्थगित करना पड़ा या छोटा कर दिया गया, जैसे कि मैडागास्कर और ज़ाम्बिया की “Scaling Solar” पहलें।

रिपोर्ट की सिफारिशें

रिपोर्ट ने इस चुनौती से निपटने के लिए साहसिक और समन्वित प्रयासों की मांग की है। निवेश प्रवाह को सतत और समावेशी विकास की ओर मोड़ने हेतु डिजिटल अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढांचे और सतत वित्तपोषण में क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
साफ है कि यदि विश्व को 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करना है, तो निजी निवेश, संयुक्त वित्तपोषण और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के माध्यम से रणनीतिक निवेश को पुनर्निर्देशित करना अत्यंत आवश्यक हो गया है।

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