वैश्विक मंच पर भारत की पशुधन क्षेत्र में प्रगति: FAO सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री का संबोधन

केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह ने रोम स्थित खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) में आयोजित द्वितीय वैश्विक सम्मेलन “सस्टेनेबल लाइवस्टॉक ट्रांसफॉर्मेशन” में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए देश की समावेशी पशुधन नीति, नवाचार और किसानों के सशक्तिकरण की उपलब्धियों को वैश्विक समुदाय के समक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने भारत को FAO की पशुधन उप-समिति के पहले उपाध्यक्ष के रूप में चुने जाने पर गर्व व्यक्त किया।
पशुधन क्षेत्र में भारत की प्रगति और वैश्विक भूमिका
श्री सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने खाद्य सुरक्षा, पोषण सुधार, आजीविका सशक्तिकरण और गरीबी उन्मूलन के लिए अनेक परिवर्तनकारी पहलें की हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि विश्व बैंक की 2025 रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 के बाद भारत ने लगभग 26.9 करोड़ लोगों को अत्यधिक गरीबी से बाहर निकाला है।
- पशुधन क्षेत्र का योगदान कृषि GVA में 31% और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 5.5% है।
- भारत में इस क्षेत्र की वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) 12.77% रही है।
- भारत आज विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक (239 मिलियन टन वार्षिक उत्पादन) है,
- दूसरा सबसे बड़ा अंडा उत्पादक और
- भैंस के मांस का प्रमुख निर्यातक भी है।
भारत की प्रमुख पहलें: FAO सम्मेलन में प्रमुख बिंदु
- राष्ट्रीय गोकुल मिशन: देशी नस्लों का संरक्षण और आनुवंशिक विविधता में सुधार, 9.2 करोड़ पशु और 5.6 करोड़ किसान लाभान्वित।
- दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम: 1.2 अरब से अधिक खुराकें प्रतिवर्ष, उच्च गुणवत्ता वाले टीकों का वैश्विक उत्पादन और निर्यात।
- भारत पशुधन मिशन (Bharat Pashudhan): 35.3 करोड़ पशुओं और 9.4 करोड़ पशुपालकों का डिजिटल पंजीकरण।
- पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास निधि: 3.5 अरब डॉलर से डेयरी, चारा, मांस प्रसंस्करण में निवेश।
- MAITRIs और A-HELP: दूरदराज़ क्षेत्रों में प्रजनन सेवाएँ व महिला सशक्तिकरण के ज़रिए पशु स्वास्थ्य सेवा।
- One Health दृष्टिकोण: मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य का समग्र दृष्टिकोण।
- AMR और महामारी तैयारी: एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस पर कार्रवाई और 25 मिलियन डॉलर की G20 महामारी सुरक्षा निधि से पशु स्वास्थ्य प्रणाली सशक्तिकरण।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत में 70% डेयरी कार्यबल महिलाएं हैं।
- भारत ने आयरलैंड के साथ मिलकर “अंतरराष्ट्रीय दूध दिवस” पर प्रस्ताव FAO में रखा है।
- पशुधन क्षेत्र लगभग दो-तिहाई ग्रामीण परिवारों के लिए सतत आजीविका का स्रोत है।
- भारत FAO के साथ 80 वर्षों से साझेदारी कर रहा है।