वेदांथंगल पक्षी अभयारण्य: प्रवासी पक्षियों का स्वर्ग
वेदांथंगल पक्षी अभयारण्य, तमिलनाडु में चेन्नई से लगभग 90 किलोमीटर दूर स्थित, एक बार फिर जीवंत हो उठा है। हर साल की तरह इस बार भी हजारों प्रवासी पक्षियों की वापसी ने वार्षिक प्रजनन ऋतु की शुरुआत का संकेत दिया है। इन पक्षियों की चहचहाहट और गतिविधियों से यह आर्द्रभूमि क्षेत्र एक बार फिर रंग-बिरंगे पंखों के अद्भुत संसार में बदल गया है, जिससे पक्षी प्रेमी और पर्यटक बड़ी संख्या में आकर्षित हो रहे हैं।
समृद्ध पक्षी विविधता का संगम
इस वर्ष प्रवासी पक्षियों की समयपूर्व आमद ने अभयारण्य को विशेष बना दिया है। खुले चोंच वाले सारस, सफेद आईबिस, ग्रे हेरॉन, छोटे कॉर्मोरेंट, डार्टर, बगुला और पेलिकन जैसे पक्षी पहले ही यहां पहुंच चुके हैं। इसके अलावा स्पूनबिल, तालाब हेरॉन, रात के समय सक्रिय हेरॉन, बतखों की विभिन्न प्रजातियाँ और मूरहेन जैसे पक्षियों की उपस्थिति भी दर्ज की गई है। विशेष रूप से खुले चोंच वाले सारस अपने प्रजनन चक्र को पूर्ण कर चुके हैं और उनके बच्चों को अब पेड़ों की ऊँचाई पर देखा जा सकता है। अधिकतर पक्षियों ने बरिंगटनिया पेड़ों पर अपने घोंसले बनाए हैं, जो पानी के ऊपर एक मजबूत और सुरक्षित स्थान प्रदान करते हैं।
अनुकूल पर्यावरणीय स्थिति और वर्षा का योगदान
इस वर्ष हाल की बारिश और नजदीकी वलायापुथूर झील से जलप्रवाह के चलते मुख्य जलाशय में जलस्तर अत्यंत संतोषजनक है। जलाशय की क्षमता 20 फीट है और फिलहाल इसमें लगभग 16 फीट पानी भरा है, जिसे आगामी उत्तर-पूर्वी मानसून में पूरी तरह भरने की उम्मीद है। जल चैनलों की मरम्मत और पुनर्स्थापना ने जल आवागमन को सुगम बनाया है, जिससे पक्षियों के लिए भोजन और घोंसला निर्माण की उत्कृष्ट परिस्थितियाँ निर्मित हुई हैं।
संरक्षण प्रयास और जनसंपर्क
तमिलनाडु वन विभाग ने आगामी ग्रीष्मकाल के बाद जल के घटते स्तर के समय सिल्ट हटाने और नए पौधे लगाने की योजना बनाई है, जिससे पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखा जा सके। विशेष रूप से अधिक बरिंगटनिया पेड़ों का रोपण भविष्य के घोंसले निर्माण को समर्थन देगा। वर्तमान में अभयारण्य में 15,000 से अधिक पक्षियों की उपस्थिति देखी गई है, जिससे सप्ताहांतों में पर्यटकों और प्रकृति फोटोग्राफरों की भीड़ उमड़ रही है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- वेदांथंगल पक्षी अभयारण्य तमिलनाडु में चेन्नई से लगभग 90 किमी दूर स्थित है।
- यहां हर साल 20 से अधिक प्रवासी पक्षी प्रजातियाँ प्रजनन के लिए आती हैं, जिनमें खुले चोंच वाले सारस और सफेद आईबिस प्रमुख हैं।
- अभयारण्य का जलाशय वलायापुथूर झील से जल प्राप्त करता है और इसकी क्षमता 20 फीट है।
- गर्मी के बाद वन विभाग द्वारा सिल्ट हटाने और बरिंगटनिया पेड़ों का रोपण किया जाएगा।
वेदांथंगल पक्षी अभयारण्य दक्षिण भारत के सबसे महत्वपूर्ण पक्षी आश्रयों में से एक बना हुआ है। प्रवासी पक्षियों का यह वार्षिक आगमन न केवल जैव विविधता की पुष्टि करता है, बल्कि प्रकृति संरक्षण, पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन और इकोटूरिज्म के क्षेत्र में भी इसकी महत्ता को रेखांकित करता है। यहाँ की समृद्ध आर्द्रभूमि और पक्षियों की चहचहाहट प्रकृति प्रेमियों के लिए हर वर्ष एक नया उत्सव लेकर आती है।