विश्व थैलेसीमिया दिवस कब मनाया जाता है?

उत्तर – 8 मई

प्रतिवर्ष 8 मई को विश्व थैलेसीमिया दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व थैलेसीमिया दिवस की थीम “थैलेसीमिया के लिए गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सुविधा की सार्वभौमिक पहुँच” है। इसका उद्देश्य थैलेसीमिया (एक आनुवंशिक रोग) के बारे में जागरूकता फैलाना है तथा इसकी रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाना है।

थैलेसीमिया क्या है?

थैलेसीमिया एक रक्त सम्बन्धी आनुवंशिक विकार है। इस रोग के कारण हीमोग्लोबिन की कमी तथा रक्त कोशिकाओं की कमी होती है। थैलेसीमिया किसी व्यक्ति को तभी हो सकता है जब उसके माता-पिता में कोई एक थैलेसीमिया से पीड़ित हो।

आनुवंशिक प्रभाव तथा कुछ एक आवश्यक जीन फ़्रैगमेन्ट्स की अनुपस्थिति के कारण थैलेसीमिया होता है। मरीज़ में हीमोग्लोबिन की कमी के कारण शरीर में ऑक्सीजन का परिवहन भी कम होता है तथा लाल रक्त कोशिकाएं नष्ट होती है जिस कारण अनीमिया (रक्ताल्पता) होता है। इससे शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ जाती है। कई मामलों में मरीज़ की हड्डियों में विकार तथा दुर्लभ मामलों में ह्रदय रोग का खतरा भी रहता है।

थैलेसीमिया से पीड़ित व्यक्ति की त्वचा हल्की पीली हो जाती है। थैलेसीमिया से पीड़ित व्यक्ति को विकास में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, थैलेसीमिया से मरीज़ को काफी अधिक थकान भी महसूस होती है। आनुवंशिक रोग होने के कारण इसकी रोकथाम बहुत मुश्किल है, ब्लड टेस्ट के द्वारा इस रोग का पता लगाया जा सकता है।

थैलेसीमिया का खतरा किसे अधिक होता है?

थैलेसीमिया का खतरा उन लोगों को काफी अधिक होता है जिनके परिवार में पहले से किसी को थैलेसीमिया हो। यह रोग भूमध्यसागरीय लोगों (इतालवी, यूनानी तथा मध्यपूर्वी) तथा दक्षिण एशियाई लोगों में अधिक होता है।

उपचार

इसका उपचार रक्त आधान (blood transfusion) तथा Chelation Therapy द्वारा किया जा सकता है। बच्चों में इसका उपचार बोन मेरो ट्रांसप्लांट द्वारा किया जा सकता है। परन्तु इसके कुछ एक लक्षण बाल्यावस्था तथा किशोरावस्था के बाद दिखाई देते हैं।

Originally written on May 9, 2019 and last modified on May 9, 2019.

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