राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन: भारत की औद्योगिक क्रांति की नई दिशा
 
भारत में विनिर्माण क्षेत्र को सशक्त करने के उद्देश्य से नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने “राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन” (National Manufacturing Mission – NMM) की अगली रूपरेखा साझा की है। यह मिशन देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में विनिर्माण की हिस्सेदारी को वर्तमान 17% से बढ़ाकर 25% तक ले जाने की महत्वाकांक्षा रखता है। यह पहल ‘मेक इन इंडिया’ के आधार पर भविष्य की औद्योगिक नीतियों की नींव डालने का कार्य करेगी।
विनिर्माण क्षेत्र की वर्तमान स्थिति और चुनौतियाँ
पिछले दशक में भारत ने अपने औद्योगिक ढांचे को पुनर्निर्मित किया है, जिसमें आधारभूत संरचना, नियामकीय सरलता, और डिजिटल एवं लॉजिस्टिक्स कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। हालांकि, सुमन बेरी के अनुसार, “एक सिलेंडर जो अभी तक पूरी तरह से नहीं चल पा रहा”, वह है विनिर्माण क्षेत्र।
भारत की औद्योगिक वृद्धि महामारी से पहले के स्तर पर लौटने की प्रक्रिया में है, परंतु यह गति अभी अपेक्षित स्तर तक नहीं पहुँच पाई है। इसका मुख्य कारण छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs) का वैश्विक उत्पादन नेटवर्क में प्रभावी एकीकरण की कमी है।
NMM के प्रमुख फोकस क्षेत्र
राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन के माध्यम से केंद्र सरकार पांच मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगी:
- कारोबार करने की सरलता और लागत में कमी
- मांग के अनुसार कौशल प्रशिक्षण (Upskilling)
- MSMEs का सशक्तीकरण
- आधुनिक तकनीकों की उपलब्धता
- गुणवत्ता उत्पादों का निर्माण
इस मिशन में स्वच्छ प्रौद्योगिकी (Clean Tech) आधारित निर्माण पर विशेष बल दिया जाएगा, जैसे — ग्रीन हाइड्रोजन, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, अर्धचालक (Semiconductors), और उन्नत सामग्रियाँ।
क्षेत्रीय औद्योगिक क्लस्टर की भूमिका
बेरी ने कहा कि भारत की औद्योगिक सफलता राज्यों और जिलों में विकसित होने वाले प्रतिस्पर्धी औद्योगिक क्लस्टरों पर निर्भर करेगी। उन्होंने बताया कि यह ज़रूरी नहीं कि हर क्लस्टर राज्य की सीमाओं में ही सीमित हो — कई क्लस्टर एक से अधिक राज्यों में फैले हुए हो सकते हैं। इसलिए, भारत को ऐसी शासन व्यवस्थाएँ विकसित करनी होंगी जो इन अंतर-राज्यीय क्लस्टरों को आपस में जोड़ सकें।
राज्य औद्योगिक विकास समीक्षा (State Industrial Development Reviews) और NMM जैसे प्रयास राज्यों की विशिष्ट क्षमता को पहचानने और उसका लाभ उठाने में मदद करेंगे।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन का उद्देश्य GDP में विनिर्माण की हिस्सेदारी को 25% तक पहुँचाना है।
- केंद्रीय बजट 2024-25 में NMM की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की थी।
- यह मिशन छोटे, मध्यम और बड़े सभी प्रकार के उद्योगों को लक्षित करेगा।
- NMM ‘मेक इन इंडिया’ पहल का विस्तार है, जो बहुआयामी औद्योगिक रणनीतियों को एकीकृत करेगा।
राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन भारत की औद्योगिक रणनीति में एक निर्णायक कदम के रूप में उभर रहा है। इसके माध्यम से न केवल उत्पादन क्षमता बढ़ेगी, बल्कि भारत की वैश्विक औद्योगिक प्रतिस्पर्धा में स्थिति भी मजबूत होगी। यदि यह मिशन राज्य-स्तरीय प्रयासों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्यान्वित होता है, तो यह भारत को अगली औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व करने की दिशा में सशक्त बना सकता है।
