रामसर सम्मेलन COP15: वैश्विक आर्द्रभूमि संरक्षण के लिए विक्टोरिया फॉल्स से उठी नई पहल

ज़िम्बाब्वे के विक्टोरिया फॉल्स में 23 से 31 जुलाई तक आयोजित हो रहे रामसर सम्मेलन COP15 में 172 देशों के 3,000 से अधिक प्रतिनिधि एकत्र हुए हैं। यह सम्मेलन आर्द्रभूमियों के संरक्षण के लिए वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा प्रयास है, जहाँ वैज्ञानिक, सरकारें, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियाँ और स्थानीय समुदाय मिलकर संकट में पड़ी ताज़े पानी की पारिस्थितिकियों के संरक्षण के उपायों पर विचार कर रहे हैं।
विक्टोरिया फॉल्स घोषणा और रणनीतिक एजेंडा
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य “विक्टोरिया फॉल्स घोषणा” को स्वीकृति देना है, जो आर्द्रभूमियों के संरक्षण के लिए वैश्विक रणनीति का खाका है। इसके अंतर्गत 2025–2034 की रणनीति, वैश्विक आर्द्रभूमि पुनर्स्थापन निधि की स्थापना, और जलवायु नीतियों में आर्द्रभूमियों को शामिल करने जैसे अहम मुद्दे शामिल हैं।
सम्मेलन की शुरुआत ज़िम्बाब्वे के राष्ट्रपति एमर्सन म्नांगागवा ने की। उन्होंने आर्द्रभूमियों को पृथ्वी के लिए “अपरिहार्य” बताते हुए इनके क्षरण को रोकने के लिए त्वरित और सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।
आर्द्रभूमियों के संरक्षण की गंभीर स्थिति
“धरती की किडनी” मानी जाने वाली आर्द्रभूमियाँ प्रदूषकों को फ़िल्टर करने, जलवायु को संतुलित रखने और जैव विविधता को सहारा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। फिर भी, 1970 से अब तक इनका 35% भाग नष्ट हो चुका है — यह दर वनों की हानि की तुलना में तीन गुना अधिक है।
Global Wetland Outlook 2025 रिपोर्ट के अनुसार यदि तत्काल कार्रवाई नहीं हुई, तो 2050 तक विश्व की शेष आर्द्रभूमियों का 20% भाग समाप्त हो सकता है, जिससे $39 ट्रिलियन मूल्य की पारिस्थितिकी सेवाएँ खतरे में पड़ जाएंगी। वर्तमान में ये पारिस्थितिक सेवाएँ वैश्विक GDP का 7.5% हिस्सा प्रदान करती हैं, जबकि ये पृथ्वी के केवल 6% क्षेत्र में फैली हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- रामसर सम्मेलन 1971 में ईरान के रामसर शहर में शुरू हुआ था, और इसका उद्देश्य आर्द्रभूमियों का संरक्षण करना है।
- विक्टोरिया फॉल्स, जो एक रामसर स्थल और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है, अब आर्द्रभूमि नीति के वैश्विक केंद्र में है।
- ज़िम्बाब्वे ने रामसर अध्यक्षता चीन से संभाली है और अगले तीन वर्षों तक इसे निभाएगा।
- हर वर्ष औसतन 0.52% आर्द्रभूमियाँ नष्ट हो रही हैं।
रामसर COP15 सम्मेलन यह स्पष्ट करता है कि आर्द्रभूमियाँ जल, भोजन, जलवायु और जैव विविधता के संकट से निपटने की वैश्विक रणनीतियों का अभिन्न हिस्सा हैं। विक्टोरिया फॉल्स घोषणा और इससे जुड़ी नीतियाँ आने वाले वर्षों में न केवल आर्द्रभूमियों की रक्षा करेंगी, बल्कि जलवायु परिवर्तन से लड़ने में भी अहम भूमिका निभाएंगी।