राजस्थान के रेगिस्तान में गेहूं की खेती: जैविक तकनीक से बंजर भूमि में हरियाली की नई शुरुआत

रेगिस्तानी मिट्टी को उपजाऊ भूमि में बदलने का एक अभिनव प्रयोग राजस्थान के अजमेर जिले में पहली बार सफलतापूर्वक किया गया है। यह प्रयोग न केवल पश्चिमी राजस्थान में थार मरुस्थल के विस्तार को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह दर्शाता है कि सही जैव प्रौद्योगिकी अपनाकर बंजर भूमि को भी कृषि योग्य बनाया जा सकता है। यह पहल केंद्रीय विश्वविद्यालय राजस्थान (CUoR) के वैज्ञानिकों द्वारा की गई, जो अब सतत कृषि विकास के नए द्वार खोल रही है।
जैव-प्रारूपण तकनीक से रेतीली भूमि को उपजाऊ बनाने की पहल
CUoR के सूक्ष्मजीवविज्ञान विभाग के सहयोगी प्रोफेसर अखिल अग्रवाल के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की टीम ने रेगिस्तानी रेत को पोलीमर और जैव-प्रारूपण (bioformulation) के उपयोग से संशोधित कर उसे मिट्टी जैसी संरचना में बदला। इस तकनीक ने रेत के कणों के आपसी जुड़ाव को बढ़ाया, जलधारण क्षमता को सुधारने में मदद की और लाभकारी सूक्ष्मजीव गतिविधियों को सक्रिय किया, जिससे पौधों की प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि हुई।
नवंबर 2024 में अजमेर के पुष्कर के पास स्थित बंसेली गांव में 1,000 वर्ग मीटर भूमि पर गेहूं की देशी किस्म (Wheat-4079) के 13 किलोग्राम बीज बोए गए। यह प्रयोग जैव-प्रारूपण तकनीक से संपन्न किया गया, जिससे गेहूं की फसल को केवल तीन बार सिंचाई की आवश्यकता पड़ी — जो सामान्य कृषि की तुलना में काफी कम है।
प्रयोग की सफलता और उत्पादन
इस प्रयोग में 100 वर्ग मीटर भूमि पर 26 किलोग्राम गेहूं का उत्पादन हुआ, जिससे बीज-से-उपज अनुपात 1:20 रहा — यह रेगिस्तानी क्षेत्र की तुलना में दो गुना अधिक है। यह सफलता Krishi Vigyan Kendra (KVK) और राज्य सरकार के बागवानी विभाग के सहयोग से संभव हो सकी। परियोजना की फील्ड इम्प्लीमेंटेशन रिसर्च स्कॉलर दीक्षा कुमारी ने की, जिन्होंने hostile पर्यावरण में भी स्वस्थ फसल विकास सुनिश्चित किया।
प्रयोग का दूसरा चरण विश्वविद्यालय परिसर में किया गया, जहां जैसलमेर से लाए गए 100 टन रेत पर 400 वर्ग फीट क्षेत्र में बाजरा, ग्वार और चने की खेती की गई। यहां जैव-प्रारूपण से संशोधित रेत में 54% अधिक उपज प्राप्त हुई।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- थार मरुस्थल भारत का सबसे बड़ा रेगिस्तान है, जो मुख्यतः राजस्थान में फैला है।
- अरावली पर्वतमाला के क्षरण से मरुस्थलीकरण की गति में वृद्धि हुई है।
- केंद्रीय विश्वविद्यालय राजस्थान (CUoR) अजमेर जिले में स्थित है।
- गेहूं की बोई गई किस्म Wheat-4079 भारत की देशी किस्मों में से एक है।