राजसमंद जिला

राजसमंद जिला

राजसमंद जिला 10 अप्रैल, 1991 को गठित किया गया था, और महाराणा राज सिंह द्वारा निर्मित प्रसिद्ध झील “राजसमंद” के नाम पर रखा गया था। कांकरोली, राजनगर, चारभुजा, नाथद्वारा, भीम, रेलमगरा, केलवाड़ा, आमेट और देवगढ़ जिले के कुछ प्रमुख शहर हैं।
राजसमंद जिले का इतिहास
यह जिला धर्म, संस्कृति और खनन उद्योगों में काफी समृद्ध है। प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में कुंभलगढ़ महाराणा प्रताप का जन्म स्थान, हल्दीघाटी प्रसिद्ध युद्ध क्षेत्र, वैष्णव धर्म के प्रमुख देवता श्रीनाथजी मंदिर, द्वारिकाधीश, चारभुजा और कई शिव मंदिर हैं। राजसमंद अपने संगमरमर उत्पादन के लिए बहुत प्रसिद्ध है।
राजसमंद जिले का स्थान
राजसमंद जिला उत्तर में अजमेर जिले, पश्चिम में पाली जिले, दक्षिण में उदयपुर जिले और पूर्व में भीलवाड़ा जिले से घिरा हुआ है।
राजसमंद जिले का भूगोल
जिले का कुल क्षेत्रफल 4550.93 वर्ग किलोमीटर है। यह समुद्र तल से 532.50 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। जिले में औसतन 794 मिमी बारिश होती है। जिले में भौगोलिक क्षेत्र 452952 हेक्टेयर है और वन भूमि 24663 हेक्टेयर है।
राजसमंद जिले की संस्कृति
राजसमंद जिला अपनी सांस्कृतिक विरासत में समृद्ध है। जिले में आयोजित विभिन्न मेलों और त्योहारों के माध्यम से परम्पराएँ अब भी प्रचलित हैं। जिले में साल भर कई पशु मेले, धार्मिक उत्सव और त्यौहार आयोजित किए जाते हैं। इन अवसरों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों और प्रदर्शनों, संगोष्ठियों, नृत्यों, नाटकों आदि के साथ बहुत से उत्सव मनाए जाते हैं, जो सभी संस्कृति और परंपरा में निहित हैं।
राजसमंद जिले में पर्यटन
राजसमंद जिले में कई पर्यटन स्थल स्थित हैं। उनमें से प्रमुख यहां स्थित ऐतिहासिक रुचि के विभिन्न स्थान हैं। इनमें हल्दीघाटी की लड़ाई का प्रसिद्ध स्थल और चित्तौड़गढ़ किले के बाद मेवाड़ का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण किला कुंभलगढ़ किला शामिल है। ऐतिहासिक महत्व के विभिन्न स्थानों के अतिरिक्त यहां चारभुजा मंदिर, बोधीस्थल, श्रीनाथद्वारा आदि जैसे धार्मिक स्थल भी स्थित हैं।

Originally written on February 22, 2022 and last modified on February 22, 2022.

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