रबी 2025 के लिए ₹37,952 करोड़ की उर्वरक सब्सिडी: केंद्र सरकार का निर्णय

रबी 2025 के लिए ₹37,952 करोड़ की उर्वरक सब्सिडी: केंद्र सरकार का निर्णय

केंद्र सरकार ने रबी 2025 फसल सत्र के लिए किसानों को बड़ी राहत देते हुए ₹37,952 करोड़ की उर्वरक सब्सिडी प्रदान करने का निर्णय लिया है। यह सब्सिडी पिछले रबी सत्र की तुलना में लगभग ₹14,000 करोड़ अधिक है, जब कुल सब्सिडी ₹24,000 करोड़ थी। यह निर्णय केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया और इसके बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी।

फॉस्फोरस और सल्फर पर सब्सिडी में वृद्धि

इस बार सरकार ने फॉस्फोरस (P) और सल्फर (S) पर सब्सिडी में कुल ₹736 करोड़ की वृद्धि की है, जबकि नाइट्रोजन (N) और पोटाश (K) पर सब्सिडी को खरीफ 2025 की दरों पर ही स्थिर रखा गया है:

  • फॉस्फोरस: ₹43.60 से बढ़ाकर ₹47.96 प्रति किलोग्राम
  • सल्फर: ₹1.77 से बढ़ाकर ₹2.87 प्रति किलोग्राम
  • नाइट्रोजन: ₹43.02 प्रति किलोग्राम (स्थिर)
  • पोटाश: ₹2.38 प्रति किलोग्राम (स्थिर)

ये नई दरें 1 अक्टूबर 2025 से 31 मार्च 2026 तक प्रभावी रहेंगी।

सब्सिडी निर्धारण का आधार

सरकार ने यह सब्सिडी दरें पोषक तत्वों की मांग, वैश्विक आयात मूल्य, अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP), और समग्र सब्सिडी बोझ जैसे कारकों को ध्यान में रखते हुए तय की हैं। सरकार का उद्देश्य किसानों को पर्याप्त मात्रा में सस्ती दरों पर उर्वरक उपलब्ध कराना है, जिससे रबी फसल का उत्पादन सुचारू रूप से हो सके।

विशेष पैकेज: DAP और TSP की उपलब्धता सुनिश्चित

सरकार ने DAP (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) और TSP (ट्रिपल सुपर फॉस्फेट) की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष पैकेज भी लागू किया है। इन दोनों उर्वरकों की मांग रबी सत्र में अत्यधिक होती है, विशेषकर गेहूं, जौ, चना और सरसों जैसी फसलों के लिए।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • रबी फसलों की बुवाई सामान्यतः अक्टूबर से दिसंबर के बीच होती है, और कटाई मार्च से अप्रैल तक।
  • भारत में उर्वरक सब्सिडी केंद्र सरकार द्वारा प्रत्यक्ष रूप से कंपनियों को दी जाती है, ताकि किसान को MRP पर सस्ता उर्वरक मिल सके।
  • फॉस्फोरस और पोटाश जैसे उर्वरकों का भारत में अधिकांश हिस्सा आयात किया जाता है।
  • DAP और TSP मुख्यतः फॉस्फोरस की पूर्ति के लिए उपयोग में लाए जाते हैं।

रबी 2025 के लिए उर्वरक सब्सिडी में यह बढ़ोतरी न केवल किसानों को राहत देने वाली है, बल्कि यह खाद्य सुरक्षा और कृषि उत्पादन को भी सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। सरकार की यह पहल विशेष रूप से महंगाई और वैश्विक मूल्य अस्थिरता के समय में किसानों के लिए संबल प्रदान करेगी।

Originally written on October 30, 2025 and last modified on October 30, 2025.

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