यूरोपीय संघ की चेतावनी: मेटा की “पे या सहमति” नीति पर जुर्माना संभावित

यूरोपीय संघ की चेतावनी: मेटा की “पे या सहमति” नीति पर जुर्माना संभावित

यूरोपीय संघ (EU) की प्रतिस्पर्धा आयोग ने अमेरिकी टेक कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स को चेतावनी दी है कि यदि उसकी “पे या सहमति” (Pay-or-Consent) मॉडल में किए गए बदलाव अप्रैल में जारी एंटीट्रस्ट आदेश का पालन नहीं करते हैं, तो उस पर दैनिक जुर्माना लगाया जा सकता है। यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब EU, डिजिटल मार्केट्स एक्ट (DMA) के तहत बिग टेक कंपनियों की ताकत पर अंकुश लगाने की कोशिश में है।

मेटा पर पहले ही हो चुका है बड़ा जुर्माना

  • अप्रैल 2025 में मेटा पर 200 मिलियन यूरो (लगभग 234 मिलियन डॉलर) का जुर्माना लगाया गया था।
  • EU ने मेटा पर DMA का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था, खासकर इसके “पे या सहमति” मॉडल को लेकर।

“पे या सहमति” मॉडल क्या है?

यह मॉडल उपयोगकर्ताओं को दो विकल्प देता है:

  1. यदि वे अपने डेटा की ट्रैकिंग की अनुमति देते हैं, तो उन्हें फ्री सेवा मिलती है जिसे विज्ञापन से वित्तपोषित किया जाता है।
  2. यदि वे ट्रैकिंग नहीं चाहते, तो उन्हें एक पेड सब्सक्रिप्शन लेना होता है।

यूरोपीय आयोग की आपत्ति

  • आयोग का कहना है कि मेटा द्वारा नवंबर 2023 में लागू मॉडल DMA का उल्लंघन करता है।
  • नवंबर 2024 में मेटा ने इसमें बदलाव किए थे, लेकिन आयोग अभी भी इसकी समीक्षा कर रहा है और संतुष्ट नहीं है।
  • यदि गैर-अनुपालन जारी रहता है, तो 27 जून 2025 से दैनिक जुर्माना लगाया जा सकता है, जो मेटा की वैश्विक दैनिक आय का 5% तक हो सकता है।

मेटा की प्रतिक्रिया

  • मेटा ने आयोग पर भेदभाव का आरोप लगाया है और कहा कि यह नीति यूरोप की हर कंपनी के लिए वैध है, लेकिन केवल मेटा को निशाना बनाया जा रहा है।
  • मेटा का दावा है कि उसकी सेवा DMA के नियमों से कहीं आगे जाती है

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • डिजिटल मार्केट्स एक्ट (DMA): EU का कानून जो बड़ी टेक कंपनियों को निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए बाध्य करता है।
  • DMA का उल्लंघन करने पर कंपनी की वैश्विक आय के 10% तक जुर्माना और निरंतर उल्लंघन पर दैनिक 5% तक का जुर्माना हो सकता है।
  • यूरोपीय आयोग (European Commission): EU की कार्यकारी शाखा, जो प्रतियोगिता और कानून अनुपालन सुनिश्चित करती है।
  • Meta Platforms: फेसबुक और इंस्टाग्राम की मूल कंपनी, जिसे EU ने “गेटकीपर” की श्रेणी में रखा है — यानी ऐसी कंपनी जो बाज़ार की संरचना को तय करने में प्रभावशाली है।

निष्कर्ष

मेटा और यूरोपीय संघ के बीच यह टकराव सिर्फ डेटा गोपनीयता और उपयोगकर्ता अधिकारों की लड़ाई नहीं है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर टेक कंपनियों के नियमन की दिशा तय करने वाला मामला भी बन सकता है। अगर मेटा पर दैनिक जुर्माना लगाया गया, तो यह अन्य टेक दिग्गजों के लिए भी चेतावनी बन सकता है। EU का यह रुख दर्शाता है कि वह डिजिटल क्षेत्र में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए गंभीर है।

Originally written on June 28, 2025 and last modified on June 28, 2025.

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