मोहम्मद शहाबुद्दीन (Mohammed Shahabuddin) कौन हैं?

हाल ही में बांग्लादेश के मोहम्मद शहाबुद्दीन (Mohammed Shahabuddin) सुर्ख़ियों में रहे। 25 अप्रैल 2023 को मोहम्मद शहाबुद्दीन ने बंगभवन के दरबार हॉल में आयोजित एक राजकीय समारोह में बांग्लादेश के 22वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। विधानसभा अध्यक्ष शिरीन शर्मिन चौधरी ने 73 वर्षीय शहाबुद्दीन को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई।

मुख्य बिंदु

सत्तारूढ़ अवामी लीग के उम्मीदवार के रूप में फरवरी 2023 में राष्ट्रपति पद के लिए शहाबुद्दीन का चुनाव निर्विरोध हुआ था। बांग्लादेश में राष्ट्रपति की भूमिका अधिकतर नाममात्र की है, वास्तविक शक्तियां प्रधानमंत्री में निहित होती हैं। बांग्लादेश में राष्ट्रपति की प्राथमिक जिम्मेदारी प्रधानमंत्री की नियुक्ति करना और देश का संवैधानिक संरक्षक बनना है। राष्ट्रपति का कार्यालय विशेष रूप से आम चुनावों के दौरान अतिरिक्त ध्यान आकर्षित करता है।

राजनीतिक स्थिति का आकलन

शहाबुद्दीन ने राजनीतिक स्थिति की समीक्षा करने और राजनीतिक दलों के बीच विवादों को कम करने में भूमिका निभाने का वादा किया है। चुनावी प्रणाली को लेकर सत्तारूढ़ अवामी लीग और उसके मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के बीच बढ़ते मतभेदों के बीच बांग्लादेश में अगले साल दिसंबर या जनवरी में आम चुनाव होने हैं।

शहाबुद्दीन का करियर

राजनीति में शामिल होने से पहले, शहाबुद्दीन एक सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश थे, बाद में उन्होंने स्वतंत्र भ्रष्टाचार विरोधी आयोग के आयुक्तों में से एक के रूप में कार्य किया। वह पश्चिमोत्तर पबना जिले से ताल्लुक रखते हैं और अपने शुरुआती जीवन में अवामी लीग के छात्र और युवा विंग के नेता थे। शहाबुद्दीन ने 1971 के मुक्ति संग्राम में भाग लिया और 1975 में प्रधानमंत्री हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान की मृत्यु के बाद जेल गए। 1982 में उन्हें देश की न्यायिक सेवा में शामिल किया गया।

Originally written on April 26, 2023 and last modified on April 26, 2023.

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