मिज़ोरम में GBV सॉल्व प्रोजेक्ट की शुरुआत: महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण की ओर कदम

मिज़ोरम में GBV सॉल्व प्रोजेक्ट की शुरुआत: महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण की ओर कदम

महिलाओं के विरुद्ध बढ़ते हिंसा के मामलों को रोकने और लैंगिक समानता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मिज़ोरम सरकार ने ‘जेंडर-बेस्ड वायलेंस (GBV) सॉल्व प्रोजेक्ट’ की शुरुआत की है। इस महत्वपूर्ण पहल का उद्घाटन सामाजिक कल्याण, महिला और बाल विकास मंत्री लालरिनपुईई ने आइजोल में किया। उन्होंने महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया और शिक्षा तथा कौशल विकास को सशक्तिकरण का मूल साधन बताया।

बढ़ते लैंगिक हिंसा के मामले और चेतावनी

मंत्री लालरिनपुईई ने बताया कि मिज़ोरम में महिलाओं के विरुद्ध दर्ज मामलों की संख्या चिंताजनक रूप से बढ़ी है — 2022–23 में जहाँ यह आंकड़ा 3,094 था, वहीं फरवरी 2025 तक यह 12,750 तक पहुँच गया। उन्होंने इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए त्वरित और ठोस कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया।
उनका कहना था कि महिलाओं का सशक्तिकरण न केवल परिवार बल्कि समूचे समाज के लिए प्रगति का मार्ग प्रशस्त करता है। इस दिशा में रोकथामात्मक शिक्षा और संस्थागत सहयोग आवश्यक हैं।

सामाजिक परिवर्तन की साझा पहल

GBV सॉल्व प्रोजेक्ट ‘अपराजिता’ और ‘J-PAL साउथ एशिया’ की एक संयुक्त पहल है, जिसे मिज़ोरम में ‘मिशन फाउंडेशन मूवमेंट (MFM)’ द्वारा लागू किया जा रहा है। यह परियोजना महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देती है और लैंगिक समानता के प्रति जागरूकता फैलाती है।
इसमें समुदाय-आधारित हस्तक्षेप, परामर्श सहायता और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को समाविष्ट किया गया है, ताकि पूरे राज्य में महिलाओं और बच्चों के लिए एक सुरक्षित माहौल तैयार किया जा सके।

शिक्षा और कौशल विकास पर विशेष ध्यान

GBV सॉल्व प्रोजेक्ट का उद्देश्य केवल हिंसा को रोकना नहीं, बल्कि बच्चों में प्रारंभिक स्तर से ही सम्मान और समानता की भावना विकसित करना भी है। इसीलिए लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए शैक्षणिक अभियान चलाए जाएंगे।
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें विविध कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें। इसके साथ आजीविका कार्यक्रमों का भी समावेश होगा, जिससे दीर्घकालिक सशक्तिकरण सुनिश्चित हो सके।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • GBV सॉल्व प्रोजेक्ट की शुरुआत मिज़ोरम की सामाजिक कल्याण मंत्री लालरिनपुईई ने की।
  • यह अपराजिता और J-PAL साउथ एशिया की संयुक्त पहल है, जिसे MFM द्वारा लागू किया जा रहा है।
  • मिज़ोरम में लैंगिक हिंसा के मामले 2022–23 में 3,094 से बढ़कर 2025 में 12,750 हो गए।
  • यह परियोजना शिक्षा, जागरूकता और कौशल विकास को समाहित करती है।

राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार और भविष्य की योजनाएँ

देशभर से 470 से अधिक संस्थाओं ने GBV सॉल्व प्रोजेक्ट के तहत प्रस्ताव प्रस्तुत किए, जिनमें से केवल छह को चयनित किया गया है — जिनमें मिज़ोरम की MFM भी शामिल है।
यह परियोजना फिलहाल आइजोल ज़िले में आरंभ की गई है, जहाँ महिला और बाल विकास विभाग की साझेदारी से इसे लागू किया जाएगा। इसका उद्देश्य एक ऐसा मॉडल स्थापित करना है जिसे देशभर में दोहराया जा सके — जिसमें अनुसंधान, सामुदायिक सहभागिता और सरकारी समर्थन का समावेश हो।

Originally written on November 7, 2025 and last modified on November 7, 2025.

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