महाराष्ट्र में चार प्रमुख किलों पर ‘नमो पर्यटन केंद्र’ की स्थापना को मंजूरी
 
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य की समृद्ध विरासत को बढ़ावा देने और पर्यटकों को आधुनिक सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से ‘नमो पर्यटन सूचना एवं सुविधा केंद्र’ की स्थापना की योजना को मंजूरी दी है। पहले चरण में ये केंद्र रायगढ़, प्रतापगढ़, शिवनेरी और साल्हेर जैसे ऐतिहासिक किलों पर बनाए जाएंगे।
क्षेत्रीय पर्यटन विकास योजना 2025-26 के अंतर्गत पहल
यह परियोजना महाराष्ट्र सरकार की “क्षेत्रीय पर्यटन विकास योजना 2025-26” के अंतर्गत चलाई जा रही है। पर्यटन और सांस्कृतिक कार्य विभाग ने इस योजना के लिए ₹20 करोड़ की मंजूरी दी है, जिसमें से ₹5 करोड़ की पहली किस्त कार्यान्वयन हेतु पर्यटन निदेशालय को प्रदान की गई है।
सरकार का उद्देश्य इन केंद्रों को राज्य के पर्यटन ढांचे का अभिन्न हिस्सा बनाना है ताकि पर्यटक आसानी से विरासत स्थलों तक पहुंच सकें और उन्हें आवश्यक जानकारी और सुविधाएं एक ही स्थान पर मिल सकें।
आधुनिक और टिकाऊ सुविधाओं का संयोजन
प्रत्येक ‘नमो केंद्र’ एकीकृत सेवा केंद्र के रूप में कार्य करेगा, जहाँ पर्यटकों को किले की ऐतिहासिक जानकारी, विश्राम स्थल, स्वच्छता ब्लॉक, पार्किंग और अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
पर्यटन विभाग ने यह भी निर्देशित किया है कि इन केंद्रों के निर्माण में जल और ऊर्जा दक्षता जैसे स्थायी डिज़ाइन सिद्धांतों का पालन अनिवार्य होगा। साथ ही, स्थानीय कला, व्यंजन और हस्तशिल्प को भी बढ़ावा देने के लिए इन केंद्रों में विशेष स्थान होगा, जिससे आसपास की जनजातीय और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- रायगढ़ किला छत्रपति शिवाजी महाराज का राजधानी स्थल था और उनका अंतिम संस्कार भी यहीं हुआ था।
- प्रतापगढ़ किला 1659 में अफजल खान के साथ हुए ऐतिहासिक युद्ध के लिए प्रसिद्ध है।
- शिवनेरी किला छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्मस्थान है।
- साल्हेर किला महाराष्ट्र का सबसे ऊँचा किला है और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
परियोजना कार्यान्वयन और निगरानी
पर्यटन निदेशालय इस योजना का क्रियान्वयन एजेंसी होगा और यह डिज़ाइन, निर्माण तथा प्रगति की निगरानी के लिए उत्तरदायी रहेगा। सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि सभी कार्य तीन वर्षों के भीतर पूरे किए जाने चाहिए और हर महीने की 10 तारीख तक प्रगति रिपोर्ट अनिवार्य रूप से प्रस्तुत की जानी चाहिए।
