महाराष्ट्र को मिला पहला स्थान: राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक 2024 में अग्रणी बना

राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक (SEEI) 2024 में महाराष्ट्र ने देश भर में पहला स्थान प्राप्त किया है। यह सूचकांक केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा 2 अगस्त 2025 को जारी किया गया, जिसमें भारत के 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान ऊर्जा दक्षता में प्रगति का मूल्यांकन किया गया।

SEEI 2024: प्रमुख तथ्य

  • शीर्ष स्थान प्राप्त राज्य (समूहवार):

    • महाराष्ट्र: समूह 1 (>15 मिलियन टन तेल समतुल्य)
    • आंध्र प्रदेश: समूह 2 (5-15 मिलियन टन)
    • असम: समूह 3 (1-5 मिलियन टन)
    • त्रिपुरा: समूह 4 (<1 मिलियन टन)
  • शीर्ष 5 ‘फ्रंट रनर’ राज्य:

    • महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु
  • ‘अचीवर’ श्रेणी (50-60% स्कोर):

    • असम, केरल
  • ‘कंटेंडर’ श्रेणी (30-50% स्कोर):

    • हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, ओडिशा, उत्तर प्रदेश

मूल्यांकन के मानदंड

SEEI 2024 में 7 प्रमुख क्षेत्रों के आधार पर मूल्यांकन किया गया:

  1. भवन
  2. उद्योग
  3. परिवहन
  4. डिस्कॉम (बिजली वितरण कंपनियाँ)
  5. कृषि
  6. नगरपालिका सेवाएं
  7. क्रॉस-सेक्टर पहल

कुल 66 संकेतकों का उपयोग किया गया, जिनमें शामिल थे:

  • Energy Conservation Building Code (ECBC) का अनुपालन
  • EV नीति और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर
  • PAT योजना (Perform, Achieve and Trade)
  • MSME क्लस्टर प्रोफाइलिंग
  • ESCO मॉडल (ऊर्जा सेवा कंपनियाँ)

प्रगति के संकेत

  • 24 राज्य ECBC 2017 को अधिसूचित कर चुके हैं।
  • 31 राज्य इलेक्ट्रिक मोबिलिटी नीति अपना चुके हैं।
  • 14 राज्य भवनों में EV चार्जिंग अनिवार्य कर चुके हैं।
  • 13 राज्य सौर-संचालित कृषि पंपों को बढ़ावा दे रहे हैं।
  • सभी 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने State Energy Efficiency Action Plans (SEEAPs) तैयार किए हैं।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • SEEI 2024 का विकास BEE और Alliance for an Energy Efficient Economy (AEEE) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
  • भारत ने 2070 तक नेट ज़ीरो उत्सर्जन और 2030 तक उत्सर्जन तीव्रता में 45% कटौती का लक्ष्य निर्धारित किया है।
  • ऊर्जा दक्षता को कम लागत वाला, प्रभावी समाधान माना जा रहा है जो सभी क्षेत्रों में योगदान देता है।

SEEI 2024 न केवल राज्यों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है, बल्कि उन्हें ऊर्जा संक्रमण और जलवायु लक्ष्यों की दिशा में प्रभावी नीतियों को लागू करने हेतु रणनीतिक दिशा भी प्रदान करता है। महाराष्ट्र और अन्य अग्रणी राज्यों की यह उपलब्धि देश भर में ऊर्जा दक्षता के प्रति बढ़ती जागरूकता और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

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