मणिपुर में शांति की ओर एक नया कदम: केंद्र और मणिपुर सरकार ने कुकी-जो उग्रवादी समूहों के साथ किया SoO समझौता

मणिपुर में पिछले एक वर्ष से अधिक समय से जारी जातीय संघर्ष के बीच केंद्र सरकार और मणिपुर सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए कुकी-जो (Kuki-Zo) उग्रवादी समूहों के साथ नवीनीकृत शर्तों पर संचालन स्थगन (Suspension of Operations – SoO) समझौता किया है। यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 13 सितंबर को मणिपुर की प्रस्तावित यात्रा से कुछ दिन पहले हुआ है, जो मई 2023 में कुकी-जो और मैतेई समुदायों के बीच हुई हिंसा के बाद उनकी पहली यात्रा होगी।

नवीनीकृत समझौते की प्रमुख शर्तें

इस समझौते में मणिपुर की भौगोलिक अखंडता की पुन: पुष्टि, उग्रवादी समूहों द्वारा संचालित शिविरों का स्थानांतरण, और कैडरों की पहचान व सत्यापन जैसी अहम बातें शामिल हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि सुरक्षा बल अब इन उग्रवादी समूहों के सदस्यों की पहचान करेंगे और यदि कोई विदेशी नागरिक पाया गया तो उसे सूची से हटाकर देश से निष्कासित किया जाएगा।

राजनीतिक समाधान की दिशा में संकेत

हालांकि समझौते में राज्य की क्षेत्रीय अखंडता की बात कही गई है, परंतु कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (KNO) के प्रवक्ता सेलिन हाओकिप ने स्पष्ट किया कि यह समझौता भारतीय संविधान के तहत राजनीतिक समाधान की बात भी करता है। यह बिंदु 2008 के मूल समझौते में शामिल नहीं था, जब मांग केवल क्षेत्रीय परिषदों (territorial councils) तक सीमित थी। अब यह संकेत है कि समूह अपनी पूर्व की संघीय प्रशासन या केंद्र शासित प्रदेश की मांग से हटते हुए संवैधानिक समाधान की दिशा में विचार कर रहे हैं।

NH-2 को खोलने पर सहमति

सरकार ने यह भी बताया कि कुकी-जो काउंसिल (KZC), जो विभिन्न नागरिक संगठनों का समूह है, ने कांगपोकपी जिले से गुजरने वाले नेशनल हाईवे-2 (इंफाल-दीमापुर मार्ग) को आवश्यक वस्तुओं और यात्रियों की आवाजाही के लिए खोलने पर सहमति दी है। यह मार्ग इंफाल घाटी को नागालैंड और असम से जोड़ने का मुख्य मार्ग है और पिछले दो वर्षों से मैतेई लोगों की आवाजाही के लिए अवरुद्ध था।
हालांकि, KZC ने यह दावा किया है कि मार्ग कभी बंद नहीं था और आवश्यक वस्तुओं का परिवहन लगातार जारी रहा। फिर भी, गृह मंत्रालय ने इसे शांति और सहयोग की दिशा में सकारात्मक पहल के रूप में देखा है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • SoO समझौता पहली बार 2008 में कुकी उग्रवादी समूहों के साथ किया गया था।
  • मणिपुर में 3 मई 2023 को कुकी-जो और मैतेई समुदायों के बीच भीषण जातीय हिंसा भड़की थी, जिसमें सैकड़ों लोगों की जान गई और हजारों विस्थापित हुए।
  • NH-2 (इंफाल-दीमापुर) मार्ग मणिपुर के इंफाल घाटी को पूर्वोत्तर राज्यों के शेष भागों से जोड़ने वाला रणनीतिक रूप से अहम मार्ग है।
  • यह समझौता अब राज्य की क्षेत्रीय अखंडता और भारतीय संविधान के अंतर्गत समाधान जैसे बिंदुओं पर केंद्रित है।

निष्कर्ष

मणिपुर में कुकी-जो उग्रवादी समूहों के साथ नया SoO समझौता राज्य में स्थायी शांति की संभावनाओं को सुदृढ़ करता है। यह न केवल राजनीतिक वार्ता को आगे बढ़ाने का संकेत है, बल्कि इससे लोगों के बीच विश्वास बहाली, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और क्षेत्रीय स्थिरता को भी बल मिलेगा। आने वाले समय में यदि सभी संबंधित पक्ष समझदारी और संवेदनशीलता से आगे बढ़ें, तो यह समझौता मणिपुर के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य को स्थायित्व प्रदान कर सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *