भारत-सिंगापुर रक्षा सहयोग को नई गति: सिंगापुर में संपन्न हुई 16वीं रक्षा वर्किंग ग्रुप बैठक

4 सितंबर 2025 को सिंगापुर में भारत और सिंगापुर के बीच 16वीं रक्षा कार्य समूह (Defence Working Group – DWG) बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक भारत के रक्षा मंत्रालय के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग संयुक्त सचिव श्री अमिताभ प्रसाद और सिंगापुर रक्षा मंत्रालय के नीति कार्यालय निदेशक कर्नल डैक्सन याप की सह-अध्यक्षता में हुई। बैठक ने दोनों देशों के बहुआयामी रक्षा सहयोग को नई दिशा और ऊर्जा देने का कार्य किया।

प्रमुख चर्चाएं और निष्कर्ष

बैठक में पिछली रक्षा मंत्रियों की वार्ता में लिए गए निर्णयों की प्रगति की समीक्षा की गई और विभिन्न द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पहलों को गति देने पर चर्चा हुई। यह बैठक एक रणनीतिक अवसर बन गई जहां दोनों देशों ने न केवल रक्षा दृष्टिकोण साझा किए, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे पर भी विचार-विमर्श किया।
बैठक की दिशा और प्राथमिकताएं भारत-सिंगापुर व्यापक रणनीतिक साझेदारी के लिए रोडमैप पर आधारित थीं, जिसे हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री श्री लॉरेंस वोंग के बीच नई दिल्ली में हुई बैठक के बाद जारी किया गया था।

सहयोग के प्रमुख क्षेत्र

  • प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण: दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों और संयुक्त अभ्यासों को बढ़ावा देने पर सहमति जताई।
  • उद्योग और प्रौद्योगिकी: रक्षा उत्पादन और तकनीकी सहयोग में नई संभावनाएं तलाशने पर बल दिया गया।
  • समुद्री सुरक्षा: हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थायित्व के लिए नौसैनिक सहयोग को और सुदृढ़ करने पर चर्चा हुई।
  • बहुपक्षीय सहयोग: ASEAN और अन्य मंचों पर समन्वित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
  • नई उभरती चुनौतियाँ: साइबर सुरक्षा, सूचना सुरक्षा और वैश्विक साझा संसाधनों (Global Commons) से संबंधित विषयों पर भी चर्चा की गई।

विशेष अवसर और क्षेत्रीय पृष्ठभूमि

वर्ष 2025 भारत-सिंगापुर के बीच राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ का प्रतीक है। इस ऐतिहासिक अवसर पर दोनों देशों ने रक्षा सहयोग को और अधिक ऊंचाई देने की प्रतिबद्धता दोहराई। यह बैठक भारत की “एक्ट ईस्ट नीति” के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण रही, जिसमें सिंगापुर एक प्रमुख रणनीतिक साझेदार की भूमिका निभाता है।

साइडलाइन गतिविधियाँ

बैठक के दौरान संयुक्त सचिव श्री अमिताभ प्रसाद ने सिंगापुर के डिप्टी सेक्रेटरी पॉलिसी ब्रिगेडियर जनरल फ्रेडरिक चू से भी भेंट की। साथ ही उन्होंने चांगी नेवल बेस में स्थित इन्फॉर्मेशन फ्यूजन सेंटर और आसियान रक्षा मंत्रियों की साइबर सुरक्षा एवं सूचना उत्कृष्टता केंद्र का दौरा भी किया।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • भारत और सिंगापुर के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना 1965 में हुई थी — वर्ष 2025 में 60 वर्ष पूर्ण हुए।
  • भारत की Act East Policy का उद्देश्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से रणनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध मजबूत करना है।
  • भारत और सिंगापुर के बीच सिंबेक (SIMBEX) नामक वार्षिक नौसेना अभ्यास 1994 से नियमित रूप से आयोजित हो रहा है।
  • इन्फॉर्मेशन फ्यूजन सेंटर, चांगी, समुद्री डोमेन अवेयरनेस और सूचना साझाकरण के क्षेत्र में एक प्रमुख बहुपक्षीय मंच है।

निष्कर्ष

भारत-सिंगापुर रक्षा वर्किंग ग्रुप की यह 16वीं बैठक दोनों देशों के बीच गहराते हुए रक्षा संबंधों, नई रणनीतिक प्राथमिकताओं और क्षेत्रीय स्थिरता के प्रति साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है। इस सहयोग से न केवल हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की भूमिका सशक्त होगी, बल्कि ASEAN क्षेत्र के साथ समन्वय भी और अधिक प्रभावशाली बनेगा।

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