भारत में सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (SAF) की संभावनाएं: आत्मनिर्भरता की ओर एक हरित उड़ान

नागर विमानन मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) और यूरोपीय संघ के सहयोग से भारत के लिए सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (SAF) व्यवहार्यता अध्ययन रिपोर्ट आधिकारिक रूप से जारी की है। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में केंद्रीय नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू, सचिव समीर कुमार सिन्हा, DGCA प्रमुख फ़ैज़ अहमद, और ICAO की पर्यावरण उपनिदेशक जेन हूपे ने भाग लिया।
SAF क्या है और क्यों है आवश्यक?
सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (SAF) ऐसा जैविक ईंधन है जो पारंपरिक एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) के स्थान पर प्रयोग किया जा सकता है। SAF का उपयोग:
- विमानन क्षेत्र में 80% तक कम जीवनचक्र CO₂ उत्सर्जन संभव बनाता है
- ग्रीन एविएशन की दिशा में ठोस कदम है
- वैश्विक CORSIA लक्ष्य (Carbon Offsetting and Reduction Scheme for International Aviation) को पूरा करने में मदद करता है
अध्ययन की प्रमुख बातें
- फीडस्टॉक स्रोत: भारत में 750 मिलियन मीट्रिक टन बायोमास और 230 मिलियन मीट्रिक टन कृषि अवशेष उपलब्ध हैं
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लक्ष्य:
- 2027 तक 1% SAF मिश्रण
- 2028 तक 2%
- 2030 तक 5%
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प्रमुख उपलब्धियाँ:
- COTECNA Inspection India Pvt. Ltd. को पहला SAF प्रमाणन निकाय नामित
- IOCL का पानीपत रिफाइनरी SAF उत्पादन के लिए प्रमाणित
आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक लाभ
- भारत SAF का स्वयं-निर्माता और निर्यातक बन सकता है
- कच्चे तेल के आयात में कमी और 20-25 मिलियन टन CO₂ उत्सर्जन की कटौती संभव
- किसानों के लिए अतिरिक्त आय के अवसर, बायोमास के माध्यम से मूल्य श्रृंखला का निर्माण
- हवाई अड्डों का हरित रूपांतरण: अभी तक 88 एयरपोर्ट 100% ग्रीन एनर्जी पर चल रहे हैं
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ● SAF एक “ड्रॉप-इन” फ्यूल है, जो मौजूदा इंजन और इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ संगत होता है।
- ● CORSIA ICAO द्वारा संचालित वैश्विक योजना है, जिसका उद्देश्य 2021 के बाद अंतरराष्ट्रीय विमानन से उत्सर्जन को सीमित करना है।
- ● भारत ICAO के ACT-SAF कार्यक्रम का सक्रिय भागीदार है।
- ● DGCA के अनुसार, भारत में हवाई यात्री संख्या 2030 तक 500 मिलियन तक पहुँच सकती है।
नीति और भविष्य की दिशा
SAF Feasibility Study भारत की आगामी राष्ट्रीय SAF नीति का आधार बनेगी। अध्ययन ने अवसंरचना, नीति-तैयारी, उत्पादन तकनीक, और अंतरराष्ट्रीय अनुभवों को भारत के सामाजिक-आर्थिक संदर्भ में समायोजित कर एक व्यापक रोडमैप प्रस्तुत किया है।
मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा, “भारत हरित विमानन में वैश्विक अग्रणी बनने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम दुनिया का सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार बनने की राह पर हैं।”
भारत के इस कदम से न केवल पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था, जैविक ईंधन उद्योग और विमानन क्षेत्र को भी नई ऊर्जा मिलेगी। यह पहल “हरित विकास” के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक सशक्त उड़ान है।