भारत ने 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी के लिए बोली की, अहमदाबाद संभावित शहर घोषित

भारत ने 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी के लिए बोली की, अहमदाबाद संभावित शहर घोषित

भारत ने 2030 के कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी के लिए आधिकारिक रूप से बोली लगाने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है, और अहमदाबाद को इस आयोजन के लिए “आदर्श स्थल” घोषित किया गया है। इस निर्णय से देश के खेल इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ने की संभावना है।

अहमदाबाद क्यों है उपयुक्त स्थल?

सरकार ने अहमदाबाद को 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की संभावित मेज़बानी के लिए चुना है क्योंकि इस शहर में विश्वस्तरीय खेल सुविधाएं, आधुनिक प्रशिक्षण केंद्र और खेलों के प्रति गहरी रुचि देखने को मिलती है। नरेंद्र मोदी स्टेडियम, जो दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम है, पहले ही 2023 क्रिकेट वर्ल्ड कप फाइनल की सफल मेज़बानी कर चुका है। इसके अतिरिक्त, सरदार वल्लभभाई पटेल स्पोर्ट्स एन्क्लेव का निर्माण भी जारी है, जिसमें एक्वेटिक्स सेंटर, फुटबॉल स्टेडियम और इनडोर स्पोर्ट्स एरिनाज़ जैसी सुविधाएं शामिल होंगी।

विस्तृत खेल रोस्टर की योजना

जहां 2026 में ग्लासगो में आयोजित होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स को बजट के कारण सीमित कर दिया गया है, वहीं भारत 2030 में एक भव्य और व्यापक आयोजन की योजना बना रहा है। भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने यह स्पष्ट किया है कि भारत यदि मेज़बान बनता है, तो इसमें शूटिंग, कुश्ती, तीरंदाजी, बैडमिंटन और हॉकी जैसे प्रमुख खेलों को शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही पारंपरिक भारतीय खेल जैसे कबड्डी और खो-खो को भी गेम्स में शामिल करने की योजना है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • भारत ने आखिरी बार 2010 में दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी की थी।
  • नरेंद्र मोदी स्टेडियम की क्षमता लगभग 1.32 लाख दर्शकों की है, जो इसे विश्व का सबसे बड़ा स्टेडियम बनाती है।
  • 2026 के ग्लासगो गेम्स का बजट मात्र 114 मिलियन पाउंड (लगभग ₹1300 करोड़) है।
  • 2010 के दिल्ली गेम्स पर भारत ने लगभग ₹70,000 करोड़ खर्च किए थे, जबकि प्रारंभिक अनुमान केवल ₹1600 करोड़ का था।

राष्ट्रीय गौरव और आर्थिक लाभ

सरकार का मानना है कि इस तरह के वैश्विक आयोजन से न केवल भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को बल मिलेगा, बल्कि यह स्थानीय व्यवसायों को भी प्रोत्साहित करेगा। खेल विज्ञान, आयोजन प्रबंधन, प्रसारण, आईटी, जनसंपर्क और अन्य क्षेत्रों में हजारों पेशेवरों के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। इसके अलावा, यह आयोजन देश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देगा और युवाओं को खेलों को करियर के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।
2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी की दिशा में भारत की यह पहल न केवल खेल क्षेत्र के विकास को गति देगी, बल्कि राष्ट्रीय गौरव और एकता की भावना को भी प्रबल करेगी। नवंबर में ग्लासगो में होने वाली कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स जनरल असेंबली में अंतिम निर्णय लिया जाएगा, और भारत की संभावना कनाडा के हटने के बाद और भी प्रबल हो गई है।

Originally written on August 29, 2025 and last modified on August 29, 2025.

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