भारत के सेमीकंडक्टर मिशन को मिला नया आयाम: ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश में चार नई परियोजनाएँ मंजूर

भारत सरकार ने देश को सेमीकंडक्टर विनिर्माण में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से एक और बड़ा कदम उठाया है। मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) के अंतर्गत ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश में चार नई परियोजनाओं को मंजूरी दी, जिनमें लगभग ₹4,600 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है। इन परियोजनाओं से 2,034 कुशल पेशेवरों को रोजगार मिलने की संभावना है।

स्वीकृत परियोजनाओं की संक्षिप्त जानकारी

इस बार जिन चार कंपनियों को स्वीकृति मिली है, वे हैं: SiCSem Private Limited, Continental Device India Private Limited (CDIL), 3D Glass Solutions Inc. (3DGS), और Advanced System in Package (ASIP) Technologies।

  • SiCSem और 3DGS ओडिशा के इंफो वैली, भुवनेश्वर में अपनी इकाइयाँ स्थापित करेंगी।
  • CDIL पंजाब के मोहाली में अपने मौजूदा संयंत्र का विस्तार करेगी।
  • ASIP Technologies आंध्र प्रदेश में दक्षिण कोरियाई कंपनी APACT Co. Ltd. के सहयोग से संयंत्र लगाएगी।

इनमें से SiCSem देश का पहला सिलिकॉन कार्बाइड (SiC) युक्त कंपाउंड सेमीकंडक्टर फेब्रिकेशन यूनिट स्थापित करेगी, जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 60,000 वेफर्स और 96 मिलियन यूनिट पैकेजिंग होगी।

भारत का सेमीकंडक्टर सफर और प्रगति

भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण की शुरुआत 2021 में ₹75,000 करोड़ की प्रोत्साहन योजना के साथ हुई थी। अब तक ISM के तहत कुल 10 परियोजनाओं को स्वीकृति मिल चुकी है, जो छह राज्यों में फैली हैं और जिनमें कुल ₹1.60 लाख करोड़ से अधिक का निवेश आकर्षित हुआ है।
कुछ प्रमुख चल रही परियोजनाओं में शामिल हैं:

  • Tata-PSMC फेब्रिकेशन यूनिट, धोलेरा, गुजरात — ₹91,526 करोड़ निवेश
  • Micron ATMP सुविधा, साणंद, गुजरात — ₹22,900 करोड़ निवेश
  • Tata TSAT OSAT, जगिरोड, असम — प्रति दिन 48 मिलियन चिप्स उत्पादन
  • Kaynes OSAT, साणंद, गुजरात — प्रति दिन 6 मिलियन चिप्स
  • HCL-Foxconn JV, उत्तर प्रदेश — प्रति माह 36 मिलियन डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स (2027 तक)

आत्मनिर्भरता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा की दिशा में कदम

इन परियोजनाओं से भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण स्थान मिलने की संभावना है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, इन सभी नई परियोजनाओं का उत्पादन अगले 2-3 वर्षों में शुरू हो जाएगा और वर्ष के अंत तक भारत का पहला स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप भी बाज़ार में आ सकता है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • India Semiconductor Mission (ISM) की शुरुआत: वर्ष 2021 में ₹75,000 करोड़ की प्रोत्साहन योजना के साथ
  • अब तक स्वीकृत परियोजनाएँ: कुल 10, छह राज्यों में फैली
  • नवीनतम स्वीकृत कंपनियाँ: SiCSem, CDIL, 3DGS, ASIP
  • प्रमुख फोकस: वेफर फेब्रिकेशन, ATMP/OSAT, कंपाउंड सेमीकंडक्टर निर्माण

भारत सरकार का यह प्रयास न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, बल्कि इससे देश में उच्च तकनीक आधारित रोजगार, नवाचार और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती भी प्राप्त होगी। ISM आने वाले वर्षों में भारत को सेमीकंडक्टर निर्माण के वैश्विक मानचित्र पर प्रमुख स्थान दिलाने की दिशा में अग्रसर है।

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