भारत की पहली राष्ट्रीय बायोफाउंड्री नेटवर्क का शुभारंभ: जैव प्रौद्योगिकी को मिलेगी नई दिशा

भारत की पहली राष्ट्रीय बायोफाउंड्री नेटवर्क का शुभारंभ: जैव प्रौद्योगिकी को मिलेगी नई दिशा

भारत सरकार ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह के नेतृत्व में देश की पहली राष्ट्रीय बायोफाउंड्री नेटवर्क का उद्घाटन किया है। यह पहल जैव प्रौद्योगिकी को भारत की अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और रोजगार का प्रमुख स्तंभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

क्या है राष्ट्रीय बायोफाउंड्री नेटवर्क?

राष्ट्रीय बायोफाउंड्री नेटवर्क छह प्रमुख संस्थानों का समूह है जिसका उद्देश्य जैव-प्रौद्योगिकी नवाचारों को अनुसंधान से उद्योग स्तर तक पहुंचाना है। इसके माध्यम से ‘प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट’ परियोजनाओं को बड़े पैमाने पर लागू किया जाएगा, स्वदेशी बायोमैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
यह नेटवर्क बायोई3 नीति के अंतर्गत विकसित किया गया है, जो न केवल अनुसंधान और नवाचार पर केंद्रित है, बल्कि युवाओं को रोजगार और स्टार्टअप के नए अवसर भी प्रदान करती है।

बायोई3 नीति के प्रमुख उद्देश्य और क्षेत्र

बायोई3 नीति (BioE3 Policy) का उद्देश्य जैव-आधारित उत्पादों की तकनीकों के विकास और व्यवसायीकरण को तेज करना है। इसके तहत देश में बायो-इनेबलर्स जैसे कि बायोफाउंड्रीज़, बायो-एआई हब्स और बायोमैन्युफैक्चरिंग हब्स की स्थापना की जा रही है।
नीति के अंतर्गत छह प्रमुख क्षेत्र तय किए गए हैं:

  • जैव-आधारित रसायन और एंजाइम
  • कार्यात्मक खाद्य पदार्थ और स्मार्ट प्रोटीन
  • सटीक जैव चिकित्सा उपचार
  • जलवायु-सहिष्णु कृषि
  • कार्बन कैप्चर और उसका उपयोग
  • भविष्योन्मुखी समुद्री और अंतरिक्ष अनुसंधान

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • भारत की जैव-अर्थव्यवस्था 2014 में $10 बिलियन से बढ़कर 2024 में $165.7 बिलियन हो चुकी है।
  • 2030 तक जैव-अर्थव्यवस्था को $300 बिलियन तक पहुँचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
  • भारत का पहला बायोमैन्युफैक्चरिंग संस्थान मोहाली (पंजाब) में स्थापित किया गया है।
  • जैव-अर्थव्यवस्था वर्तमान में भारत की GDP में 4.25% का योगदान देती है (India Bioeconomy Report 2025)।

राज्य और वैश्विक सहयोग

राज्य स्तर पर जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) विभिन्न राज्यों के साथ साझेदारी कर रहा है। असम के साथ एक MoU के अंतर्गत BioE3 सेल की स्थापना की गई है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के 52 देशों में मिशनों ने बायोई3 नीति पर प्रतिक्रिया साझा की है, और विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
राष्ट्रीय बायोफाउंड्री नेटवर्क और बायोई3 नीति भारत को जैव-प्रौद्योगिकी के वैश्विक केंद्र के रूप में उभारने की दिशा में एक ठोस कदम है। यह न केवल वैज्ञानिक उन्नति को बल देगा, बल्कि लाखों युवाओं के लिए रोजगार, स्टार्टअप और नवाचार के नए द्वार भी खोलेगा।

Originally written on August 29, 2025 and last modified on August 29, 2025.

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