भारत का समुद्री क्षेत्र बना वैश्विक आकर्षण का केंद्र: पीएम मोदी ने ‘इंडिया मैरीटाइम वीक’ में किए बड़े ऐलान
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘इंडिया मैरीटाइम वीक’ के अवसर पर मुंबई के नेस्को ग्राउंड में आयोजित ‘मैरीटाइम लीडर्स कॉन्क्लेव’ को संबोधित करते हुए भारत की समुद्री प्रगति को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि आज भारत के प्रमुख बंदरगाहों की क्षमता दोगुनी हो गई है और अंतर्देशीय क्षेत्रों में कार्गो परिवहन 700% तक बढ़ चुका है।
वैश्विक चुनौतियों में भारत बना स्थिर प्रकाशस्तंभ
प्रधानमंत्री ने कहा, “जब वैश्विक समुद्र अशांत होते हैं, तब दुनिया एक स्थिर प्रकाशस्तंभ की तलाश करती है। भारत उस भूमिका को मजबूती से निभा सकता है।” उन्होंने यह बात वैश्विक व्यापारिक अनिश्चितताओं की पृष्ठभूमि में कही और भारत को आत्मनिर्भर और समावेशी विकास का प्रतीक बताया।
₹2.2 लाख करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ
सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री ने नौवहन और जहाज निर्माण क्षेत्रों के लिए ₹2.2 लाख करोड़ की परियोजनाओं की घोषणा की, जिसमें 437 जहाजों का अधिग्रहण भी शामिल है। साथ ही, पोर्ट-आधारित औद्योगिकीकरण, स्थिरता और जहाज निर्माण जैसे क्षेत्रों में कई समझौता ज्ञापन (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत के बंदरगाहों की कुल क्षमता दोगुनी हो चुकी है।
- अंतर्देशीय जलमार्गों में माल परिवहन 700% तक बढ़ा है।
- JNPT (जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट) भारत का सबसे बड़ा कंटेनर पोर्ट बन चुका है।
- इंडिया मैरीटाइम वीक में अब 85 देशों की भागीदारी होती है — 2016 में पहली बार इसका आयोजन हुआ था।
बंदरगाह सुधार और लॉजिस्टिक्स पर विशेष बल
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने पुराने कानूनों को हटाकर आधुनिक और भविष्यगामी कानून लागू किए हैं, जिससे बंदरगाहों की सुरक्षा, डिजिटलीकरण और व्यापार सुगमता में वृद्धि हुई है। उन्होंने विश्व बैंक के ‘लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक’ में भारत के बेहतर प्रदर्शन का भी उल्लेख किया।
भारत में जहाज निर्माण को दी जाएगी प्राथमिकता
मोदी ने कहा, “शिपबिल्डिंग हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। हम इसमें तेज़ी से प्रगति कर रहे हैं।” उन्होंने नए वित्तीय विकल्पों और आसान ऋण की व्यवस्था की घोषणा करते हुए निजी क्षेत्र को निवेश, नवाचार और विचारों के लिए आमंत्रित किया। राज्यों को निवेश आकर्षित करने हेतु प्रोत्साहन दिए जाएंगे।
