भारत का पहला स्वदेशी मलेरिया वैक्सीन: ‘AdFalciVax’ से संक्रमण और प्रसार पर दोहरा प्रहार

भारत का पहला स्वदेशी मलेरिया वैक्सीन: ‘AdFalciVax’ से संक्रमण और प्रसार पर दोहरा प्रहार

भारत ने मलेरिया नियंत्रण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अपना पहला स्वदेशी बहु-चरणीय मलेरिया वैक्सीन (multi-stage malaria vaccine) विकसित किया है, जिसे भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और उसके सहयोगी संस्थानों द्वारा तैयार किया गया है। यह वैक्सीन न केवल संक्रमण को रोकती है, बल्कि समुदाय स्तर पर मलेरिया के प्रसार को भी नियंत्रित करती है।

‘AdFalciVax’ वैक्सीन की विशेषताएँ

यह नवीनतम वैक्सीन Plasmodium falciparum नामक मलेरिया परजीवी के खिलाफ बनाई गई है, जो विश्वभर में मलेरिया का सबसे घातक रूप है। AdFalciVax नामक यह टीका संक्रमण से पहले परजीवी को रक्त प्रवाह में प्रवेश करने से रोकता है, जिससे न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा मिलती है बल्कि समुदाय में संक्रमण के प्रसार पर भी नियंत्रण पाया जा सकता है।

  • स्थिरता: यह वैक्सीन 9 महीने से अधिक समय तक कमरे के तापमान पर प्रभावी रहती है, जिससे दूरदराज़ और दुर्गम क्षेत्रों में इसके वितरण में सुविधा होगी।
  • तकनीकी विकास: यह वैक्सीन Lactococcus lactis में विकसित की गई है — एक सुरक्षित और सामान्य बैक्टीरिया जो टीका निर्माण के लिए प्रयोग किया गया।
  • पूर्व-नैदानिक पुष्टि: ICMR के अंतर्गत राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान (NIMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी (NII), दिल्ली ने इस तकनीक के पूर्व नैदानिक परीक्षण किए।

निर्माण और व्यावसायीकरण के लिए लाइसेंस प्राप्त कंपनियाँ

ICMR ने इस वैक्सीन की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के लिए कई प्रतिष्ठित भारतीय फार्मा कंपनियों को लाइसेंस प्रदान किया है:

  • इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड
  • टेकइन्वेंशन लाइफकेयर प्राइवेट लिमिटेड
  • पैनासिया बायोटेक लिमिटेड
  • बायोलॉजिकल ई लिमिटेड
  • ज़ाइडस लाइफसाइंसेज़ लिमिटेड

इन कंपनियों को वैक्सीन के निर्माण और बाज़ार में लाने का अधिकार मिला है, जिससे बड़े पैमाने पर टीकाकरण और पहुंच संभव होगी।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • भारत में विश्व का 1.4% मलेरिया केस बोझ और 0.9% वैश्विक मलेरिया मौतें होती हैं।
  • भारत में कुल मलेरिया मामलों का 80% हिस्सा उन क्षेत्रों से आता है जहाँ केवल 20% आबादी रहती है, खासकर जनजातीय, पहाड़ी और कठिन इलाकों में।
  • लगभग 95% भारतीय आबादी मलेरिया-प्रभावित क्षेत्रों में निवास करती है।
  • यह वैक्सीन भारत का पहला recombinant chimeric multi-stage टीका है जो संक्रमण और समुदाय स्तर पर प्रसार दोनों को रोकता है।
Originally written on September 11, 2025 and last modified on September 11, 2025.

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