भारत-आसियान रक्षा सहयोग को नई दिशा: राजनाथ सिंह का रणनीतिक प्रस्ताव
 
कुआलालंपुर में हाल ही में आयोजित भारत-आसियान रक्षा मंत्रियों की अनौपचारिक बैठक के दौरान भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक नए संस्थागत मंच की स्थापना का प्रस्ताव रखा है, जो भारत और आसियान देशों के रक्षा थिंक टैंकों को जोड़ने का कार्य करेगा। यह पहल हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उभरती सुरक्षा चुनौतियों से निपटने और रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
रक्षा संवाद के लिए नया संस्थागत ढांचा
राजनाथ सिंह ने इस मंच की स्थापना का उद्देश्य रक्षा विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और नीति शोधकर्ताओं के बीच सहयोग को बढ़ाना बताया। उन्होंने कहा कि यह मंच आपसी समझ को गहरा करेगा, क्षमताओं के निर्माण में सहायक होगा और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए नवाचारी नीतिगत सुझाव प्रदान करेगा। इस प्रस्ताव के तहत आसियान देशों से अग्रणी रक्षा संस्थानों और विशेषज्ञों को नामांकित करने का अनुरोध भी किया गया है।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा सहयोग की मजबूती
राजनाथ सिंह ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के रणनीतिक महत्व को रेखांकित करते हुए भारत की आसियान की केंद्रीय भूमिका के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत-आसियान साझेदारी क्षेत्रीय स्थिरता का एक “मजबूत स्तंभ” बनी रहेगी। इसके साथ ही उन्होंने भारत-आसियान वस्तु व्यापार समझौते की समीक्षा को शीघ्रता से पूरा करने का भी आह्वान किया, जिससे आर्थिक सहयोग को और गहराई मिल सके।
समुद्री सुरक्षा और नियम-आधारित व्यवस्था पर विशेष जोर
भारत की समुद्री सुरक्षा नीति पर बोलते हुए रक्षा मंत्री ने आसियान सदस्यों को भारत-आसियान समुद्री अभ्यास के दूसरे संस्करण में समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने समुद्री मार्गों की सुरक्षा पर जोर देते हुए बताया कि भारत के 50 प्रतिशत से अधिक व्यापार दक्षिण चीन सागर और मलक्का जलडमरूमध्य से होकर गुजरते हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानूनों, विशेष रूप से ‘संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून सम्मेलन (UNCLOS)’ के अनुरूप एक नियम-आधारित समुद्री व्यवस्था की आवश्यकता पर बल दिया।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- राजनाथ सिंह ने अक्टूबर 2025 में कुआलालंपुर में भारत-आसियान रक्षा थिंक टैंक मंच का प्रस्ताव रखा।
- भारत के 50% से अधिक व्यापार दक्षिण चीन सागर और मलक्का जलडमरूमध्य से होकर गुजरते हैं।
- भारत-आसियान समुद्री अभ्यास (AIME) का दूसरा संस्करण 2026 में आयोजित होगा।
- भारत समुद्री व्यवस्था में नियम आधारित दृष्टिकोण के लिए UNCLOS के सिद्धांतों का समर्थन करता है।
महिला शांति सैनिकों और भविष्य के नौसैनिक आयोजनों की योजना
रक्षा मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए ‘भारत-आसियान महिला शांति सैनिक पहल’ के दूसरे संस्करण की भी घोषणा की। इस कार्यक्रम में महिला सैन्य अधिकारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण और नागरिक सुरक्षा पर आधारित टेबल-टॉप अभ्यास शामिल होगा। उन्होंने आसियान देशों को भारत में 2026 में आयोजित होने वाले ‘अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू’ में भाग लेने का निमंत्रण भी दिया।
भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी में नई प्रगति
बैठक के इतर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका के युद्ध सचिव पीट हेगसेथ के साथ भारत-अमेरिका ‘प्रमुख रक्षा साझेदारी ढांचे’ पर दस वर्षीय समझौता भी किया। यह समझौता दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को नई ऊंचाई पर ले जाने वाला कदम माना जा रहा है।
