भारतीय वायुसेना ने कहा अलविदा MiG-21 को: छह दशकों की सेवा का अंत और आगे की चुनौतियाँ

भारतीय वायुसेना (IAF) ने 26 सितंबर 2025 को अपने सबसे पुराने और प्रतिष्ठित लड़ाकू विमान MiG-21 को औपचारिक रूप से सेवा से हटाकर एक युग का अंत कर दिया। चंडीगढ़ में हुए समारोह में अंतिम दो स्क्वॉड्रन — नंबर 23 (पैंथर्स) और नंबर 3 (कोब्रा) — को डीकमिशन किया गया। इन स्क्वॉड्रनों में कुल लगभग 36 विमान थे, जो अब इतिहास बन चुके हैं।

MiG-21: छह दशकों का भरोसेमंद योद्धा

MiG-21 ने 1963 में IAF में इंटरसेप्टर के रूप में प्रवेश किया था और उस समय यह दुनिया के सबसे तेज और उन्नत फाइटर जेट्स में से एक था। यह एकल इंजन और एक सीट वाला विमान था, जिसे सोवियत संघ के Mikoyan-Gurevich Design Bureau ने विकसित किया था।
भारत ने अब तक इसके 700 से अधिक संस्करण खरीदे हैं और कई को उन्नत करके ‘Bison’ संस्करण बनाया गया, जिसमें आधुनिक रडार, मिसाइलें और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर क्षमताएँ शामिल थीं। ये विमान 1965, 1971 और 1999 के कारगिल युद्ध में भी सफलतापूर्वक प्रयोग किए गए।
हालाँकि, इंजन संबंधी तकनीकी समस्याएँ, विशेष रूप से फ्लेमआउट की घटनाएँ, MiG-21 के साथ हमेशा जुड़ी रहीं। पिछले 60 वर्षों में 500 से अधिक MiG-21 दुर्घटनाएँ हुई हैं, जिनमें कम से कम 170 पायलटों की मृत्यु हुई।

भारतीय वायुसेना के सामने नई चुनौती

MiG-21 के सेवा से बाहर होने के बाद IAF की स्क्वॉड्रन संख्या अब मात्र 29 रह गई है, जो कि स्वीकृत संख्या 42 का लगभग 70% है। यह स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है क्योंकि भारत को चीन और पाकिस्तान से दोतरफा खतरा बना हुआ है। पाकिस्तान के पास 20-25 स्क्वॉड्रनों का अनुमानित बल है, जबकि चीन के पास 60 से अधिक।
अगर IAF जल्द नए फाइटर विमान नहीं शामिल करता, तो भविष्य में Mirage 2000, Jaguar और MiG-29 जैसे पुराने विमानों की सेवानिवृत्ति के कारण यह संख्या और भी कम हो सकती है।

भविष्य की योजना: तेजस, AMCA और विदेशी फाइटर जेट्स

वायुसेना के स्क्वॉड्रन बल को पुनर्स्थापित करने की योजना में स्वदेशी और विदेशी दोनों प्रकार के लड़ाकू विमानों का समावेश है। IAF वर्तमान में तेजस Mk1 के दो स्क्वॉड्रन संचालित कर रही है और HAL से 180 तेजस Mk1A विमान प्राप्त करने की प्रक्रिया में है। इनमें से 83 के लिए 2021 में और 97 के लिए हाल ही में समझौता हुआ है।
तेजस Mk1A में उन्नत AESA रडार, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और BVR मिसाइलें जैसे Derby और Astra शामिल हैं। साथ ही HAL तेजस Mk2 और पाँचवीं पीढ़ी के Advanced Medium Combat Aircraft (AMCA) पर भी कार्य कर रही है, जो आने वाले दशक में वायुसेना में शामिल हो सकता है।
इसके अतिरिक्त, IAF 114 विदेशी फाइटर जेट्स खरीदने की योजना भी बना रही है, जिसमें फ्रांसीसी राफेल सबसे प्रमुख दावेदार माना जा रहा है। कुछ विमान तुरंत flyaway हालत में मिलेंगे और बाकी का निर्माण भारत में किया जाएगा।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • MiG-21, भारतीय वायुसेना में 1963 से 2025 तक सेवा में रहा, यानी लगभग 62 वर्ष।
  • 500 से अधिक MiG-21 विमान दुर्घटनाओं में शामिल रहे, जो इसे “flying coffin” कहे जाने का कारण बना।
  • तेजस Mk1A के लिए 83 विमानों का ऑर्डर 48,000 करोड़ रुपये में 2021 में दिया गया।
  • IAF की स्वीकृत स्क्वॉड्रन क्षमता 42 है, जबकि मौजूदा संख्या 29 पर आ गई है।

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