फ्रांस द्वारा फिलिस्तीन को राज्य मान्यता: पश्चिम एशिया में ऐतिहासिक कूटनीतिक बदलाव

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने घोषणा की है कि उनका देश सितंबर 2025 में आधिकारिक रूप से फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता देगा। यह निर्णय फ्रांस को ऐसा करने वाला पहला G7 राष्ट्र बना देगा और मध्य पूर्व में शांति प्रक्रिया को नई दिशा देने वाला कदम माना जा रहा है।
ऐलान और प्रतिक्रिया
मैक्रों ने यह घोषणा संयुक्त राष्ट्र महासभा के न्यूयॉर्क सत्र में औपचारिक घोषणा से पहले X (पूर्व ट्विटर) पर की। उन्होंने लिखा, “आज की तात्कालिक ज़रूरत गाज़ा में युद्ध का अंत और नागरिकों की रक्षा है। हमें युद्धविराम, बंधकों की रिहाई और व्यापक मानवीय सहायता की आवश्यकता है।”
उन्होंने आगे कहा, “हम फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देंगे, लेकिन इसके साथ ही हम हमास के निरस्त्रीकरण और गाज़ा के पुनर्निर्माण के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।” मैक्रों ने यह भी स्पष्ट किया कि फिलिस्तीन की स्थायित्व तभी संभव होगा जब वह इज़राइल को पूरी तरह मान्यता दे और क्षेत्रीय सुरक्षा में सहयोग करे।
वैश्विक प्रतिक्रिया
- फिलिस्तीनी प्रतिक्रिया: फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के उप प्रमुख हुसैन अल-शेख ने इस कदम को अंतरराष्ट्रीय कानून और फिलिस्तीनी आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन बताया।
- इज़राइल का विरोध: प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे “आतंक को इनाम” बताते हुए कहा कि यह निर्णय हमास के 7 अक्टूबर 2023 के हमले के बाद लिया गया और इससे शांति नहीं, बल्कि खतरा बढ़ेगा।
- हमास का समर्थन: हमास ने फ्रांस के कदम को “सकारात्मक दिशा में एक कदम” बताया और अन्य देशों से इसका अनुसरण करने का आग्रह किया।
- संयुक्त राज्य अमेरिका: अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने फ्रांस के निर्णय को “लापरवाह” बताया और अस्वीकार कर दिया।
- सऊदी अरब: इस निर्णय को सऊदी अरब ने “अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आम सहमति” के रूप में सराहा।
- ब्रिटेन: प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने कहा कि फिलिस्तीन की राज्यता “एक अविच्छेद्य अधिकार” है और एक तत्काल युद्धविराम इस दिशा में पहला कदम हो सकता है। ब्रिटिश संसद की विदेश मामलों की समिति ने भी फिलिस्तीन को तत्काल मान्यता देने की सिफारिश की।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- फ्रांस G7 का पहला सदस्य देश होगा जो फिलिस्तीन को औपचारिक रूप से मान्यता देगा।
- वर्तमान में 193 संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों में से 140+ देश फिलिस्तीन को राज्य के रूप में मान्यता दे चुके हैं।
- गाज़ा में अब तक 59,106 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है (स्थानीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार)।
- 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इज़राइल पर हमले में 1,200 लोगों की मौत और 251 बंधक बनाए गए थे।
- UNRWA के अनुसार, गाज़ा शहर में अब हर पाँचवाँ बच्चा कुपोषण का शिकार है।
फ्रांस का यह कदम न केवल फिलिस्तीन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैधता प्रदान करता है, बल्कि यह विश्व शक्तियों के बीच मध्य पूर्व में कूटनीतिक संतुलन को भी बदल सकता है। यह निर्णय वैश्विक राजनीति में मानवाधिकार, आत्मनिर्णय और शांति निर्माण की दिशा में नई बहस और संभावनाएं खोलता है।