फेक न्यूज और भ्रामक जानकारी से निपटने में सरकार की भूमिका और कानूनी प्रावधान

फेक न्यूज और भ्रामक जानकारी से निपटने में सरकार की भूमिका और कानूनी प्रावधान

फेक न्यूज और भ्रामक जानकारी आज की डिजिटल दुनिया में समाज, लोकतंत्र और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बन चुकी है। सरकार का यह संप्रभु कर्तव्य बनता है कि वह इस खतरे से सख्ती से निपटे और नागरिकों को सत्य तथा प्रमाणिक सूचना प्राप्त हो, यह सुनिश्चित करे। इसके लिए विभिन्न मीडिया माध्यमों पर कानूनी प्रावधान लागू किए गए हैं।

प्रिंट मीडिया के लिए कानून और विनियम

समाचार पत्रों को प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) द्वारा जारी “पत्रकारिता आचरण नियमावली” का पालन करना अनिवार्य है। ये नियम फेक, मानहानिकारक या भ्रामक खबरों के प्रकाशन पर रोक लगाते हैं। PCI, प्रेस काउंसिल एक्ट की धारा 14 के अंतर्गत शिकायतों की जांच करता है और दोषी पाए जाने पर समाचार पत्र, संपादकों या पत्रकारों को चेतावनी, फटकार या निंदा कर सकता है।

टेलीविजन मीडिया के लिए नियम

टीवी चैनलों को केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 के अंतर्गत कार्यक्रम संहिता (Programme Code) का पालन करना होता है। यह संहिता आपत्तिजनक, मानहानिकारक, गलत या आधे-अधूरे तथ्यों वाले कार्यक्रमों के प्रसारण पर रोक लगाती है। 2021 के संशोधन नियमों के तहत एक तीन-स्तरीय शिकायत निवारण तंत्र स्थापित किया गया है, जो इन उल्लंघनों पर कार्रवाई सुनिश्चित करता है।

डिजिटल मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स

डिजिटल मीडिया में समाचार और समसामयिक घटनाओं के प्रकाशकों के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 लागू किए गए हैं। इसके तहत:

  • प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) के अंतर्गत एक फैक्ट चेक यूनिट (FCU) स्थापित की गई है जो केंद्र सरकार से संबंधित फेक न्यूज का सत्यापन करती है।
  • आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 69A के अंतर्गत सरकार देश की संप्रभुता, सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के हित में वेबसाइट, सोशल मीडिया अकाउंट्स और पोस्ट्स को ब्लॉक कर सकती है।
  • धारा 79(3)(b) के अंतर्गत सरकार, मध्यस्थों को अवैध सामग्री हटाने का निर्देश दे सकती है।

ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए नियम

ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को भी आईटी नियम, 2021 के तहत आचार संहिता का पालन करना अनिवार्य है:

  • वे ऐसा कोई कंटेंट प्रसारित नहीं कर सकते जो कानून के अनुसार निषिद्ध हो।
  • उम्र के अनुसार सामग्री का आत्म-मूल्यांकन (Self-classification) अनिवार्य है।
  • बच्चों के लिए अनुपयुक्त सामग्री को प्रतिबंधित करने हेतु कंटेंट एक्सेस पर नियंत्रण उपाय आवश्यक हैं।

सरकार ने 19 फरवरी 2025 को ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और उनकी स्व-नियामक संस्थाओं को भारतीय कानूनों और आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करने हेतु परामर्श जारी किया है। अब तक 43 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को अवैध सामग्री के चलते ब्लॉक किया गया है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की स्थापना 1966 में हुई थी।
  • फैक्ट चेक यूनिट की स्थापना नवंबर 2019 में हुई।
  • आईटी एक्ट, 2000 की धारा 69A और 79(3)(b) सरकार को कंटेंट हटाने का अधिकार देती है।
  • आईटी नियम, 2021 के तहत ओटीटी और डिजिटल मीडिया को कानूनी दायरे में लाया गया।

सरकार द्वारा उठाए गए ये कानूनी कदम लोकतंत्र की रक्षा, नागरिकों की सुरक्षा और सूचनाओं की प्रमाणिकता बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं। फेक न्यूज से निपटने के लिए मीडिया, तकनीकी कंपनियों और नागरिकों — सभी की सामूहिक भूमिका अहम है।

Originally written on July 31, 2025 and last modified on July 31, 2025.

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