पूर्वी दिल्ली में ‘ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट’ की शुरुआत: भारत का पहला TOD प्रोजेक्ट
 
दिल्ली के कड़कड़डूमा क्षेत्र में दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) द्वारा विकसित ‘ईस्ट दिल्ली हब’ परियोजना भारत का पहला ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) प्रोजेक्ट बनने जा रहा है। 48-मंज़िला ‘टॉवरिंग हाइट्स’ परियोजना के लिए फ्लैट पंजीकरण की प्रक्रिया 31 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है। यह परियोजना न केवल दिल्ली का सबसे ऊँचा आवासीय टॉवर होगा, बल्कि देश की शहरी विकास नीति में भी एक नया अध्याय जोड़ेगा।
TOD: शहरी जीवन की भविष्य की योजना
TOD एक ऐसी शहरी नियोजन रणनीति है जो सार्वजनिक परिवहन को केंद्र में रखकर आवासीय, व्यावसायिक और नागरिक सुविधाओं का विकास करती है। इसका उद्देश्य यह है कि लोग अपने घर, कार्यस्थल, बाजार और मनोरंजन स्थलों तक पैदल या साइकिल से पहुँच सकें और सार्वजनिक परिवहन का अधिकतम उपयोग हो।
TOD के मुख्य तत्व: 
- परिवहन केंद्रित: TOD हब आमतौर पर मेट्रो स्टेशन, बस अड्डा या रेलवे जंक्शन जैसे उच्च क्षमता वाले ट्रांजिट नोड्स के आसपास विकसित होते हैं।
- पैदल-मैत्रीपूर्ण डिज़ाइन: चौड़ी फुटपाथें, साइकिल लेन, खुले सार्वजनिक स्थान जैसे पार्क और प्लाज़ा।
- घना और मिश्रित उपयोग: आवास, कार्यालय, दुकानें और मनोरंजन स्थल एक ही क्षेत्र में समाहित, जिससे कार निर्भरता कम हो।
- मल्टी-मोडल ट्रांजिट: मेट्रो से बस, या अन्य परिवहन साधनों के बीच सहज ट्रांजिशन।
ईस्ट दिल्ली हब: परियोजना की रूपरेखा
30 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला यह प्रोजेक्ट एक विश्व-स्तरीय मिश्रित-उपयोग (mixed-use) शहरी केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसकी रूपरेखा इस प्रकार है:
- 70% भूमि आवासीय विकास के लिए
- 20% व्यावसायिक उपयोग के लिए
- 10% सार्वजनिक सुविधाओं के लिए
- 30% क्षेत्र हरित और खुले सार्वजनिक स्थान के रूप में आरक्षित
‘टॉवरिंग हाइट्स’ टॉवर 155 मीटर ऊँचा होगा, जिसमें 1,026 दो बेडरूम फ्लैट होंगे। इनकी कीमत ₹1.78 करोड़ से ₹3.09 करोड़ के बीच होगी और कब्जा जुलाई 2026 तक मिलने की संभावना है।
DDA द्वारा हरित भवन, सांस्कृतिक केंद्र, स्काइवॉक और बेसमेंट पार्किंग जैसी सार्वजनिक सुविधाओं की भी योजना है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- यह भारत का पहला TOD आधारित आवासीय प्रोजेक्ट है।
- ‘टॉवरिंग हाइट्स’ दिल्ली का सबसे ऊँचा आवासीय टॉवर होगा (48 मंज़िलें)।
- परियोजना का शुभारंभ 2019 में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा किया गया था।
- कुल 4,526 मध्यम वर्गीय और 288 ईडब्ल्यूएस फ्लैट प्रस्तावित थे, जिन्हें बाद में घटाया गया।
- TOD का उद्देश्य वाहन उपयोग घटाना, प्रदूषण कम करना और सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहन देना है।
आलोचना और चिंताएँ
परियोजना के मूल उद्देश्य और TOD सिद्धांतों के बीच अंतर की ओर विशेषज्ञों ने ध्यान दिलाया है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि ₹1.78 करोड़ या उससे अधिक कीमत के फ्लैट खरीदने वाले लोग वास्तव में सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करेंगे या नहीं। विशेषज्ञों का मानना है कि युवा कार्यशील पेशेवरों के लिए स्टूडियो अपार्टमेंट जैसे विकल्प होने चाहिए थे।
इसके अतिरिक्त, TOD की मूल अवधारणा में सार्वजनिक और व्यावसायिक स्थानों की बहुलता, सामुदायिक सहभागिता और लाइव-वर्क-प्ले संस्कृति का समावेश होता है। लेकिन DDA ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि व्यावसायिक और सार्वजनिक सुविधाएँ कब तक विकसित होंगी।
