पुस्तक “सम्राट चंद्रगुप्त” के लेखक कौन है?
पुस्तक “सम्राट चंद्रगुप्त” के लेखक आदित्य के है | इस पुस्तक में चंद्रगुप्त मौर्य तथा भारत में मौर्य साम्राज्य के संस्थापक की कहानियों का वर्णन किया है।
सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य भारतीय इतिहास के सबसे महान सम्राटों में से एक माने जाते हैं। उनका जन्म लगभग 340 ईसा पूर्व में हुआ था। चंद्रगुप्त मौर्य का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ था, लेकिन उनके जीवन में क्रांतिकारी बदलाव तब आया जब वे महान राजनीतिज्ञ और शिक्षक चाणक्य (कौटिल्य) के संपर्क में आए। चाणक्य ने उनकी राजनीतिक प्रतिभा को पहचाना और उन्हें प्रशिक्षित किया।
मौर्य साम्राज्य की स्थापना
चंद्रगुप्त ने चाणक्य की सहायता से मौर्य साम्राज्य की स्थापना की। उन्होंने सबसे पहले नंद वंश के अंतिम शासक धनानंद को पराजित कर मगध राज्य पर अधिकार किया। इसके बाद चंद्रगुप्त ने अपने साम्राज्य का विस्तार करना शुरू किया और धीरे-धीरे पूरे उत्तरी भारत को अपने अधीन कर लिया।
सिकंदर के उत्तराधिकारियों से संघर्ष
सिकंदर महान की मृत्यु के बाद भारत में ग्रीक जनरलों की सत्ता स्थापित हो गई थी। चंद्रगुप्त ने इस स्थिति का लाभ उठाते हुए पश्चिमोत्तर भारत पर आक्रमण किया और वहां के ग्रीक शासक सेल्यूकस निकेटर को हराया। इस विजय के बाद सेल्यूकस और चंद्रगुप्त के बीच एक संधि हुई, जिसके तहत चंद्रगुप्त को काबुल, गांधार और बलूचिस्तान जैसे क्षेत्र प्राप्त हुए और बदले में चंद्रगुप्त ने सेल्यूकस को 500 हाथी दिए।
प्रशासन और शासन प्रणाली
चंद्रगुप्त मौर्य ने एक सुदृढ़ प्रशासनिक प्रणाली की स्थापना की। उनके शासन में केंद्र सरकार, राज्य सरकार और नगर प्रशासन का स्पष्ट विभाजन था। चाणक्य द्वारा रचित ‘अर्थशास्त्र’ से हमें उनके शासन की विस्तृत जानकारी मिलती है। इसमें कर प्रणाली, सेना, जासूसी तंत्र और न्याय व्यवस्था का विस्तृत वर्णन है।
धर्म परिवर्तन और अंतिम जीवन
अपने शासन के उत्तरार्ध में चंद्रगुप्त ने जैन धर्म स्वीकार कर लिया। उन्होंने अपने पुत्र बिंदुसार को गद्दी सौंप दी और स्वयं श्रवणबेलगोला (कर्नाटक) चले गए, जहाँ उन्होंने जैन आचार्य भद्रबाहु के साथ जीवन व्यतीत किया और अंततः वहां संथारा व्रत लेकर अपने प्राण त्याग दिए।