दोहा शिखर सम्मेलन में डॉ. फैज़ान अज़ीज़ी ने सामाजिक समावेशन को बताया विकास की कुंजी
संयुक्त राष्ट्र के द्वितीय विश्व सामाजिक विकास शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए ह्यूमन सोशल केयर फाउंडेशन (HSCF) के अध्यक्ष और मुख्य प्रतिनिधि डॉ. फैज़ान अहमद अज़ीज़ी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सामाजिक समावेशन को हर सार्वजनिक नीति का मूल आधार बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गरीबी, असमानता और बेरोज़गारी से निपटने के लिए दुनिया भर के देशों को समावेशी नीतिगत ढाँचे अपनाने होंगे।
कोपेनहेगन घोषणा की प्रगति पर समीक्षा
यह सम्मेलन 3 से 6 नवंबर 2025 के बीच क़तर नेशनल कन्वेंशन सेंटर, दोहा में आयोजित हुआ। इसमें 1995 की कोपेनहेगन घोषणा और संयुक्त राष्ट्र के 2030 सतत विकास एजेंडा के तहत हुई प्रगति की समीक्षा की गई। डॉ. अज़ीज़ी ने बताया कि तीन दशकों के प्रयासों के बावजूद कई लक्ष्य अब तक पूरे नहीं हुए हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की SDG प्रगति रिपोर्ट 2025 का हवाला देते हुए कहा कि लगभग आधे सतत विकास लक्ष्य रास्ते से भटक चुके हैं, जिनका मुख्य कारण वैश्विक संघर्ष, जलवायु संकट और आर्थिक असमानता है।
सुशासन की कमी और बढ़ती असमानता
डॉ. अज़ीज़ी ने चेताया कि विकासशील देशों में कमजोर शासन और भ्रष्टाचार असमानता को और गहरा बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली पर अत्यधिक दबाव है, शिक्षा का व्यावसायीकरण हो रहा है और हाशिए पर खड़े समुदाय सामाजिक बहिष्कार झेल रहे हैं। उनके अनुसार यदि न्याय और जवाबदेही को नीति-निर्माण में स्थान नहीं दिया गया, तो कोपेनहेगन घोषणा और संयुक्त राष्ट्र का 2030 एजेंडा अपने लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएंगे।
भारत–क़तर युवा रोजगार गलियारे की पहल
डॉ. अज़ीज़ी ने सम्मेलन में एक अभिनव प्रस्ताव रखते हुए “क़तर–भारत युवा रोजगार गलियारा” (Qatar–India Youth Employment Corridor) स्थापित करने का सुझाव दिया। इस पहल के तहत भारत में “क़तर-रेडी स्किल हब्स” बनाए जाएंगे, जिन्हें क़तरी नियोक्ताओं द्वारा प्रमाणित किया जाएगा। इन केंद्रों में वंचित युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें सम्मानजनक विदेश रोजगार के लिए तैयार किया जाएगा। डॉ. अज़ीज़ी ने बताया कि यह मॉडल क़तर में काम कर रहे लगभग 7 लाख भारतीय श्रमिकों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- द्वितीय विश्व सामाजिक विकास शिखर सम्मेलन (Second World Summit for Social Development) 3–6 नवंबर 2025 को दोहा, क़तर में आयोजित हुआ।
- भारत का प्रतिनिधित्व डॉ. फैज़ान अहमद अज़ीज़ी ने किया, जो ह्यूमन सोशल केयर फाउंडेशन (HSCF) के अध्यक्ष हैं।
- सम्मेलन का उद्देश्य 1995 की कोपेनहेगन घोषणा और 2030 सतत विकास एजेंडा की समीक्षा करना था।
- डॉ. अज़ीज़ी ने “क़तर–भारत युवा रोजगार गलियारा” प्रस्तावित किया, जो नैतिक श्रम गतिशीलता को बढ़ावा देगा।
समावेशी विकास की वैश्विक दृष्टि
डॉ. अज़ीज़ी ने इस अवसर पर HSCF की छह-वर्षीय कार्ययोजना भी प्रस्तुत की, जिसका उद्देश्य भारत में शहरी गरीबी को घटाना है। इस योजना में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और अधिकार-आधारित हस्तक्षेपों को एकीकृत किया गया है। उन्होंने अंत में सरकारों से आग्रह किया कि वे सामाजिक न्याय, लैंगिक समानता और समावेशन को नीति-निर्माण के केंद्र में रखें, ताकि विश्व समुदाय गरिमा, समानता और शांति पर आधारित भविष्य की ओर अग्रसर हो सके।