दुनिया का सबसे दुर्गंधित फूल: अमोर्फोफैलस टाइटैनम

दुनिया का सबसे दुर्गंधित फूल: अमोर्फोफैलस टाइटैनम

अमोर्फोफैलस टाइटैनम, जिसे आमतौर पर “कॉर्प्स फ्लावर” या “लाश जैसा फूल” कहा जाता है, पृथ्वी के सबसे आकर्षक लेकिन दुर्गंधित पौधों में से एक है। यह इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप के वर्षा वनों में पाया जाता है और अपने विशाल आकार, सड़े हुए मांस जैसी गंध, और दुर्लभ फूलने के कारण वैज्ञानिकों और प्रकृति प्रेमियों के बीच अत्यधिक चर्चित है।

विशाल पुष्पक्रम का रहस्य

कॉर्प्स फ्लावर वास्तव में एकल फूल नहीं बल्कि पुष्पक्रम (inflorescence) है — यानी अनेक सूक्ष्म फूलों का समूह जो एक लंबे केंद्रीय स्तंभ (spadix) के चारों ओर व्यवस्थित होते हैं। इसका बाहरी आवरण (spathe) खुलने पर गहरे मैरून रंग का होता है, जो सड़ती हुई मांसपेशियों जैसा दिखाई देता है। जब यह पूरी तरह से खिलता है, तो इसकी ऊंचाई तीन मीटर से भी अधिक हो सकती है, जिससे यह विश्व का सबसे बड़ा एकल-शाखाहीन पुष्पक्रम बन जाता है। इसके नीचे स्थित विशाल कंद (corm) का वजन 70 किलोग्राम से भी अधिक हो सकता है, जो वर्षों तक निष्क्रिय अवस्था में पौधे को जीवित रखने में सहायक होता है।

दुर्गंध के पीछे का विज्ञान

कॉर्प्स फ्लावर की कुख्यात गंध वास्तव में इसकी परागण रणनीति है। यह सड़े हुए मांस जैसी दुर्गंध उत्सर्जित करता है जिससे कीटों जैसे कैरियन बीटल और फ्लेश फ्लाई आकर्षित होते हैं। इस गंध में डाईमेथिल ट्राइसल्फाइड, आइसोवैलेरिक एसिड और ट्राईमेथाइलएमाइन जैसे रसायन होते हैं, जो प्राकृतिक रूप से सड़े हुए ऊतकों में पाए जाते हैं। फूलने के दौरान पौधा “थर्मोजेनेसिस” प्रक्रिया के माध्यम से गर्मी उत्पन्न करता है, जिससे यह दुर्गंध दूर तक फैलती है और यह मरे हुए शरीर की गर्मी जैसा आभास देता है।

क्यों इतना दुर्लभ है इसका फूलना?

कॉर्प्स फ्लावर की सबसे अद्भुत विशेषताओं में से एक इसका अत्यंत दुर्लभ और अनियमित फूलना है। यह पौधा पहली बार खिलने में सात से दस वर्ष तक ले सकता है और इसके बाद भी दो फूलों के बीच वर्षों का अंतर हो सकता है। यह फूल केवल 24 से 48 घंटों तक ही पूरी तरह से खिला रहता है, इसलिए जब भी यह किसी बॉटनिकल गार्डन में खिलता है, तो बड़ी संख्या में दर्शक इसे देखने आते हैं। फूलों के बीच की अवधि में पौधा एक बड़ा पत्ता उत्पन्न करता है, जो एक छोटे पेड़ जैसा दिखता है और अगली फूलने की प्रक्रिया के लिए ऊर्जा संचित करता है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • अमोर्फोफैलस टाइटैनम सुमात्रा, इंडोनेशिया का मूल निवासी है।
  • यह तीन मीटर से अधिक ऊँचा हो सकता है और विश्व का सबसे बड़ा बिना शाखा वाला पुष्पक्रम उत्पन्न करता है।
  • इसकी दुर्गंध सड़े मांस जैसी होती है, जो कीटों को परागण हेतु आकर्षित करती है।
  • यह पौधा 7–10 वर्षों में एक बार ही खिलता है और सिर्फ 1–2 दिन तक ही खिला रहता है।

संरक्षण प्रयास और वैश्विक महत्व

कॉर्प्स फ्लावर को ‘लुप्तप्राय’ (Endangered) प्रजाति के रूप में वर्गीकृत किया गया है, मुख्यतः सुमात्रा में वनों की कटाई और पाम ऑयल की खेती के कारण इसके प्राकृतिक आवास का नाश हो रहा है। लंदन के क्यू गार्डन, कैलिफ़ोर्निया की हंटिंगटन लाइब्रेरी, और इंडोनेशिया के बोगोर बॉटनिकल गार्डन जैसे संस्थान इसके संरक्षण और संवर्धन में सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। इन वैश्विक प्रयासों का उद्देश्य न केवल इस असाधारण पौधे को संरक्षित करना है, बल्कि जैव विविधता की रक्षा के प्रति लोगों में जागरूकता भी बढ़ाना है।

Originally written on November 7, 2025 and last modified on November 7, 2025.

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