त्रिपुनिथुरा में ऐतिहासिक अठाचमायम शोभायात्रा से ओणम 2025 का भव्य शुभारंभ

त्रिपुनिथुरा में ऐतिहासिक अठाचमायम शोभायात्रा से ओणम 2025 का भव्य शुभारंभ

केरल का सर्वाधिक प्रतीक्षित पर्व ओणम इस वर्ष त्रिपुनिथुरा में पारंपरिक अठाचमायम शोभायात्रा के साथ रंग-बिरंगे, जीवंत और उत्सवपूर्ण अंदाज़ में आरंभ हुआ। पूर्ववर्ती कोच्चि राजवंश की राजधानी रहे इस नगर की गलियों में हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी, जिसने संस्कृति, समरसता और आनंद का अनुपम संगम देखा।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और सांस्कृतिक विरासत

त्रिपुनिथुरा की अठाचमायम शोभायात्रा ओणम महोत्सव की औपचारिक शुरुआत मानी जाती है। यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्त्व रखता है, बल्कि केरल की सांस्कृतिक एकता और शाही परंपरा का भी प्रतीक है। 2025 में, जहां पिछले वर्षों में बारिश ने खलल डाला था, वहीं इस बार चमकते सूरज और साफ़ मौसम ने उत्सव को और भी भव्य बना दिया।

विविधता और रंगों से सजी शोभायात्रा

इस चार घंटे लंबी शोभायात्रा की शुरुआत महाबली और वामन की वेशभूषा में सजे कलाकारों के साथ हुई। इसके बाद आए 50 से अधिक सांस्कृतिक दलों ने पारंपरिक कलाओं की झलकियां प्रस्तुत कीं, जिनमें प्रमुख रहे:

  • 59 पारंपरिक कला रूप: थेय्यम, कुम्माट्टि, कथकली, पुलिकली, कोलकली, मारगमकली और कलरिपयट्टु
  • समाजसेवी झांकियां: नशा मुक्ति जैसे विषयों पर आधारित 19 फ्लोट्स ने सामाजिक संदेशों को रंग-बिरंगे माध्यम से प्रस्तुत किया
  • लोकप्रिय संस्कृति का समावेश: फिल्मी पात्रों जैसे एम्पुरान, पुष्पा, रजनीकांत, कमल हासन और कलाभवन मणि के रूप में कलाकारों की प्रस्तुतियाँ, जो युवाओं और पर्यटकों को विशेष रूप से आकर्षित कर रही थीं

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • अठाचमायम त्रिपुनिथुरा में आयोजित होता है, जो कोच्चि के पूर्ववर्ती शाही परिवार की राजधानी थी।
  • 2025 में पहली बार मौसम साफ़ रहा, जिससे शोभायात्रा का आयोजन बिना व्यवधान के हुआ।
  • 60 फीट का पुष्पकालम (Athapookkalam) 150 कलाकारों द्वारा 1500 किलोग्राम फूलों से बनाया गया, जो आकर्षण का केंद्र बना।
  • कलरिपयट्टु जैसे युद्धकला प्रदर्शन में तलवार और लाठी के उपयोग ने दर्शकों को रोमांचित किया।

समावेशिता और पर्यावरणीय संदेश

इस वर्ष ओणम को ग्रीन ओणम के रूप में मनाने की घोषणा भी की गई। प्लास्टिक के उपयोग को कम करने का आह्वान किया गया। साथ ही, 20 दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष मंच की व्यवस्था की गई, जहाँ मंत्रियों और प्रसिद्ध कलाकारों ने उनसे संवाद किया, जिससे समावेशिता की भावना और मजबूत हुई।

निष्कर्ष

त्रिपुनिथुरा की अठाचमायम शोभायात्रा ने ओणम 2025 की शुरुआत को अविस्मरणीय बना दिया। यह केवल एक सांस्कृतिक प्रदर्शन नहीं था, बल्कि सामाजिक समरसता, पारंपरिक गौरव और आधुनिक संवाद का अद्वितीय संगम था। इस उत्सव ने न केवल केरल की लोक परंपराओं को जीवंत किया, बल्कि आधुनिकता के रंगों से भी इसे और अधिक व्यापक एवं प्रभावशाली बनाया।

Originally written on August 29, 2025 and last modified on August 29, 2025.

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