डॉ. साई गौतम गोपालकृष्णन को मनोहर पर्रिकर युवा वैज्ञानिक पुरस्कार 2025
भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु के सामग्री अभियांत्रिकी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. साई गौतम गोपालकृष्णन को वर्ष 2025 का प्रतिष्ठित “मनोहर पर्रिकर युवा वैज्ञानिक पुरस्कार” प्रदान किया गया है। यह सम्मान उन्हें संगणनात्मक सामग्री विज्ञान (Computational Materials Science) में उनके उल्लेखनीय शोध कार्य के लिए दिया गया है, जो उन्नत सामग्री अनुसंधान के क्षेत्र में नवाचार की अग्रिम पंक्ति में आता है।
भारतीय विज्ञान में एक प्रतिष्ठित पहचान
मनोहर पर्रिकर युवा वैज्ञानिक पुरस्कार भारत में युवाओं के लिए विज्ञान के क्षेत्र में सबसे प्रतिष्ठित सम्मानों में से एक है। यह पुरस्कार भारत के पूर्व रक्षा मंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री रहे मनोहर पर्रिकर की स्मृति में स्थापित किया गया है। पुरस्कार में ₹5 लाख की नकद राशि और प्रशस्ति पत्र शामिल है, जो राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सम्मानों में सबसे अधिक राशि वाला पुरस्कार माना जाता है। इसका औपचारिक वितरण दिसंबर में होने वाले “मनोहर पर्रिकर विज्ञान महोत्सव” में किया जाएगा।
श्रेष्ठ शोध संस्थानों से हुआ चयन
इस वर्ष इस पुरस्कार के लिए भारत के प्रमुख राष्ट्रीय संस्थानों से कुल 50 आवेदन प्राप्त हुए थे। चयन प्रक्रिया अत्यंत कठोर रही, जिसमें प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक डॉ. अनिल काकोडकर की अध्यक्षता वाली समिति ने 10 उम्मीदवारों को अंतिम साक्षात्कार के लिए चयनित किया।
डॉ. गोपालकृष्णन का कार्य, विशेषकर मिश्रधातुओं की कंप्यूटेशनल मॉडलिंग और जटिल पदार्थों का विश्लेषण, सतत प्रौद्योगिकी और औद्योगिक नवाचार के क्षेत्र में प्रभावशाली योगदान के रूप में सामने आया।
अनुसंधान और उसका प्रभाव
IISc में डॉ. गोपालकृष्णन एक शोध समूह का नेतृत्व करते हैं जो परमाणु स्तर पर सिमुलेशन के माध्यम से नई सामग्रियों के डिजाइन पर काम करता है। उनका शोध ऊर्जा भंडारण, परिवहन, और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों के लिए नवीन सामग्रियों की खोज को आसान बनाता है।
उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को सामग्री डिजाइन में एकीकृत कर ऐसी तकनीकी संभावनाओं को जन्म दिया है जो एयरोस्पेस, इलेक्ट्रॉनिक्स, और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपयोगिता रखती हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- डॉ. साई गौतम गोपालकृष्णन को मनोहर पर्रिकर युवा वैज्ञानिक पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया।
- यह पुरस्कार ₹5 लाख की राशि के साथ भारत के सबसे उच्च-मूल्य विज्ञान पुरस्कारों में से एक है।
- चयन समिति के अध्यक्ष थे परमाणु वैज्ञानिक डॉ. अनिल काकोडकर।
- पुरस्कार का वितरण दिसंबर 2025 में मनोहर पर्रिकर विज्ञान महोत्सव में किया जाएगा।
युवा वैज्ञानिकों को नवाचार के लिए प्रोत्साहन
यह पुरस्कार भारत में युवा शोधकर्ताओं को अनुप्रयुक्त विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है। गोवा सरकार और राष्ट्रीय वैज्ञानिक संस्थाओं द्वारा दिया जाने वाला यह सम्मान, भारत को वैज्ञानिक आत्मनिर्भरता और वैश्विक नेतृत्व की दिशा में आगे बढ़ाने की एक महत्वपूर्ण पहल है।