डिजिटल युग में साक्षरता: अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2025 पर भारत की उपलब्धियाँ

नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2025 का भव्य आयोजन “डिजिटल युग में साक्षरता को बढ़ावा” थीम के अंतर्गत हुआ। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश को देश का पाँचवाँ पूर्ण रूप से साक्षर राज्य घोषित किया गया, जो त्रिपुरा, मिजोरम, गोवा और लद्दाख के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला राज्य बना।
भारत में साक्षरता की वर्तमान स्थिति
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने वर्चुअल संबोधन में कहा कि साक्षरता केवल पढ़ने-लिखने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आत्मनिर्भरता, गरिमा और सशक्तिकरण का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि भारत की साक्षरता दर 2011 में 74% थी, जो 2023-24 में बढ़कर 80.9% हो गई है। इस प्रगति का श्रेय ‘उल्लास: नव भारत साक्षरता कार्यक्रम’ को दिया गया, जिसके अंतर्गत 3 करोड़ से अधिक शिक्षार्थियों का पंजीकरण हुआ और 42 लाख से अधिक स्वयंसेवकों ने भागीदारी निभाई।
शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने यह उल्लेखनीय बताया कि कठिन भौगोलिक क्षेत्रों वाले राज्य सबसे पहले पूर्ण साक्षरता की ओर बढ़े। उन्होंने कहा कि आज की साक्षरता में डिजिटल, वित्तीय और नागरिक जागरूकता भी शामिल होनी चाहिए। उन्होंने भारत की डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना को इस प्रगति का प्रमुख आधार बताया।
राज्यों की उल्लेखनीय उपलब्धियाँ
- मिजोरम: 20 मई 2025 को देश का पहला पूर्ण साक्षर राज्य घोषित हुआ। 2023-24 के PLFS सर्वेक्षण के अनुसार इसकी साक्षरता दर 98.2% है।
- गोवा: दूसरा पूर्ण साक्षर राज्य बना, जिसकी साक्षरता दर पहले 94% थी और अब यह 100% पर पहुँच चुकी है।
- त्रिपुरा: तीसरे स्थान पर रहा, जहाँ साक्षरता दर 95.6% दर्ज की गई। 1961 में यह मात्र 20.24% थी।
- हिमाचल प्रदेश: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि स्वतंत्रता के समय जहाँ राज्य की साक्षरता दर मात्र 7% थी, वहीं अब यह 99.3% पर पहुँच चुकी है।
- लद्दाख: पहला पूर्ण साक्षर केंद्र शासित प्रदेश बना, जिसकी साक्षरता दर 97% है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत की राष्ट्रीय साक्षरता दर 2023-24 में 80.9% पहुँच चुकी है।
- उल्लास कार्यक्रम के अंतर्गत 1.83 करोड़ से अधिक शिक्षार्थियों का मूल्यांकन किया जा चुका है।
- डिजिटल साक्षरता, वित्तीय साक्षरता और नागरिक चेतना को अब साक्षरता का हिस्सा माना जा रहा है।
- अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2025 की थीम थी: “डिजिटल युग में साक्षरता को बढ़ावा”।
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2025 के अवसर पर भारत ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराई कि “विकसित भारत” की परिकल्पना तभी साकार होगी, जब हर नागरिक के जीवन में साक्षरता एक वास्तविक अनुभव बनेगी। हिमाचल, गोवा, मिजोरम, त्रिपुरा और लद्दाख जैसे क्षेत्रों की उपलब्धियाँ यह दर्शाती हैं कि सामूहिक प्रयासों से हर लक्ष्य संभव है।