ट्रंप का कर और खर्च कटौती विधेयक सीनेट से पारित: 12 मिलियन अमेरिकियों के स्वास्थ्य बीमा पर संकट

ट्रंप का कर और खर्च कटौती विधेयक सीनेट से पारित: 12 मिलियन अमेरिकियों के स्वास्थ्य बीमा पर संकट

अमेरिकी सीनेट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विवादास्पद कर और खर्च कटौती विधेयक को बेहद करीबी वोट में पारित कर दिया है। 50-50 के टाई को उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने तोड़ा, जिससे यह बिल अब प्रतिनिधि सभा (House of Representatives) के पास भेजा जाएगा। गोपनीय पार्टी (GOP) की योजना इसे 4 जुलाई से पहले व्हाइट हाउस भेजने की है।

क्या है ट्रंप का ‘बिग, ब्यूटीफुल बिल’?

यह 940 पन्नों का विधेयक कर छूट, स्वास्थ्य सेवा, खाद्य सहायता, स्वच्छ ऊर्जा, आव्रजन नियंत्रण, छात्र ऋण, सैन्य व्यय और अन्य क्षेत्रों को प्रभावित करता है। ट्रंप प्रशासन इसे ‘बिग, ब्यूटीफुल बिल’ कहकर प्रचारित कर रहा है, लेकिन इसमें छुपे बड़े बदलावों को लेकर आलोचना तेज है।

12 मिलियन अमेरिकी स्वास्थ्य बीमा से वंचित हो सकते हैं

Congressional Budget Office (CBO) की नई रिपोर्ट के अनुसार, यह विधेयक अगले दशक में 1.1 ट्रिलियन डॉलर की कटौती करेगा, जिसमें 1 ट्रिलियन डॉलर Medicaid में ही काटा जाएगा। इससे अनुमानित 1.2 करोड़ अमेरिकी नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा से वंचित होना पड़ सकता है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • 50-50 वोट के टाई को उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने तोड़ा।
  • 1.1 ट्रिलियन डॉलर की कटौती Medicaid, Medicare और Obamacare जैसे स्वास्थ्य कार्यक्रमों में होगी।
  • बिल से अमेरिका का राष्ट्रीय ऋण $3.3 ट्रिलियन तक बढ़ सकता है — ब्याज सहित यह आंकड़ा $4 ट्रिलियन तक पहुंच सकता है।
  • काम की शर्त के तहत Medicaid पाने के लिए अधिकांश वयस्कों को रोजगार में होना जरूरी होगा।
  • कर कटौतियों का विस्तार 2017 के GOP कर कानून के तहत किया जाएगा।

डेमोक्रेट्स की तीखी आलोचना

डेमोक्रेटिक सीनेटर गैरी पीटर्स ने सीनेट में कहा, “हमारा राजकोषीय ढांचा पहले से ही संकट में है और यह विधेयक उस संकट को बुझाने के बजाय उसमें पेट्रोल डालेगा।” रिपोर्टों के मुताबिक, वर्तमान में अमेरिका पर $29 ट्रिलियन का कर्ज है और अगले दशक में $21 ट्रिलियन और उधार लेने की आवश्यकता पड़ेगी।
यह विधेयक ऐसे समय पर लाया गया है जब अमेरिका की स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता से जुड़े कई कार्यक्रम पहले से ही दबाव में हैं। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रतिनिधि सभा में इसे क्या समर्थन मिलता है और क्या यह राष्ट्रपति के हस्ताक्षर तक पहुँच पाता है।

Originally written on July 2, 2025 and last modified on July 2, 2025.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *