टाइफून कलमाइगी: एशिया का सबसे विनाशकारी तूफान 2025 में
टाइफून कलमाइगी ने 2025 में एशिया में अब तक की सबसे बड़ी तबाही मचाई है। फिलीपींस में 114 से अधिक लोगों की जान लेने और हजारों को बेघर करने के बाद अब यह शक्तिशाली तूफान वियतनाम की ओर बढ़ रहा है। दक्षिण चीन सागर पर तीव्रता से ताकत पाने के बाद यह अब कैटेगरी 4 तूफान के रूप में मध्य वियतनाम में दस्तक देने वाला है।
फिलीपींस में जानमाल की भारी क्षति
टाइफून कलमाइगी ने फिलीपींस के केंद्रीय हिस्सों में व्यापक तबाही मचाई। विशेष रूप से सेबू प्रांत सबसे अधिक प्रभावित रहा, जहां मनांगा नदी के किनारे की बस्तियां पूरी तरह से तबाह हो गईं। तालिसाय और सेबू शहर में तेज़ बाढ़ ने घरों को बहा दिया। कई लोग छतों और स्कूलों में फंसे रहे, जिन्हें बचाव दलों ने कमर तक पानी में चलकर सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया।
देश में राष्ट्रीय आपदा की स्थिति घोषित कर दी गई है, और यह सब उस समय हुआ जब देश पहले ही एक तीव्र भूकंप (6.9 तीव्रता) से जूझ रहा था।
क्यों इतना जानलेवा हुआ कलमाइगी
टाइफून कलमाइगी कैटेगरी 2 तूफान के रूप में फिलीपींस पहुंचा, लेकिन इसकी धीमी गति के कारण भारी वर्षा हुई। सेबू की ऊबड़-खाबड़ भौगोलिक बनावट और कमजोर जल निकासी प्रणाली ने स्थिति को और भी भयावह बना दिया।
- नदी और नालों में तेजी से जल स्तर बढ़ने के कारण अचानक बाढ़ आई।
- अधिकांश मौतें डूबने से हुईं।
- मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि तूफानों में हवा से ज्यादा खतरनाक होता है पानी — वर्षा, बाढ़ और समुद्री ज्वार।
वियतनाम के लिए खतरे की घंटी
दक्षिण चीन सागर के गर्म पानी ने इस तूफान को कैटेगरी 4 स्तर तक तीव्र कर दिया, जिसमें हवाएं लगभग 215 किमी/घंटा की रफ्तार से चल रही हैं। अब यह मध्य वियतनाम के दा नांग, क्वांग न्गाई और डाक लक प्रांतों की ओर बढ़ रहा है।
वियतनामी प्रशासन ने 3.5 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की योजना बनाई है, विशेष रूप से गिया लाई प्रांत में। यह संकट ऐसे समय में आया है जब मध्य वियतनाम अभी भी रिकॉर्ड तोड़ बाढ़ की सफाई में जुटा है, जिसने होई एन जैसे यूनेस्को धरोहर स्थलों को डुबो दिया था।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- • टाइफून कलमाइगी 2025 में एशिया का सबसे घातक तूफान घोषित हुआ है।
- • फिलीपींस में 114 से अधिक मौतें दर्ज की गईं।
- • कई क्षेत्रों में 24 घंटे में 150 से 250 मिमी वर्षा हुई।
- • वियतनाम के गिया लाई प्रांत में लगभग 3.5 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।