जुलाई 2025 के लिए औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में 3.5% की वृद्धि दर्ज, विनिर्माण क्षेत्र बना प्रमुख योगदानकर्ता

जुलाई 2025 के लिए औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में 3.5% की वृद्धि दर्ज, विनिर्माण क्षेत्र बना प्रमुख योगदानकर्ता

भारत सरकार के संशोधित कैलेंडर के अनुसार, अब औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) का Quick Estimate हर महीने की 28 तारीख को (या यदि अवकाश हो तो अगले कार्य दिवस पर) जारी किया जाएगा। जुलाई 2025 के लिए IIP के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं, जिसमें समग्र वृद्धि दर 3.5% दर्ज की गई है — जो जून 2025 के 1.5% की तुलना में दोगुने से अधिक है।

क्षेत्रवार प्रदर्शन: विनिर्माण ने संभाली कमान

तीनों प्रमुख क्षेत्रों में जुलाई 2025 के लिए IIP वृद्धि दर निम्नलिखित रही:

  • खनन (Mining): -7.2%
  • विनिर्माण (Manufacturing): 5.4%
  • बिजली (Electricity): 0.6%

इस दौरान, समग्र IIP सूचकांक जुलाई 2024 के 149.8 से बढ़कर जुलाई 2025 में 155.0 हो गया।

विनिर्माण क्षेत्र में कौन-से उद्योग रहे आगे?

विनिर्माण क्षेत्र के अंतर्गत 23 उद्योग समूहों में से 14 ने सकारात्मक वृद्धि दर्ज की है। शीर्ष तीन उद्योग समूह जिन्होंने जुलाई 2025 में सर्वाधिक योगदान दिया, वे हैं:

  • मूल धातुओं का निर्माण (12.7%) — प्रमुख उत्पाद: एमएस स्लैब्स, एचआर कॉइल्स, मिश्र धातु स्टील उत्पाद
  • इलेक्ट्रिकल उपकरणों का निर्माण (15.9%) — उत्पाद: इलेक्ट्रिक हीटर्स, स्विचगियर, ट्रांसफॉर्मर
  • अन्य गैर-धात्विक खनिज उत्पादों का निर्माण (9.5%) — उत्पाद: सीमेंट, क्लिंकर, संगमरमर स्लैब

उपयोग-आधारित वर्गीकरण: बुनियादी ढांचा वस्तुएं बनीं रीढ़

Use-based Classification के अनुसार जुलाई 2025 के लिए सूचकांक और वृद्धि दर:

  • प्राथमिक वस्तुएं: 147.6 (-1.7%)
  • पूंजीगत वस्तुएं: 119.7 (5.0%)
  • मध्यवर्ती वस्तुएं: 174.1 (5.8%)
  • बुनियादी ढांचा/निर्माण वस्तुएं: 201.0 (11.9%)
  • उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं: 136.3 (7.7%)
  • उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुएं: 147.8 (0.5%)

बुनियादी ढांचा वस्तुओं, मध्यवर्ती वस्तुओं और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं ने IIP वृद्धि में सर्वाधिक योगदान दिया।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • IIP का Quick Estimate अब हर माह की 28 तारीख को जारी होगा।
  • जुलाई 2025 में IIP सूचकांक 155.0 रहा, जो जुलाई 2024 के 149.8 से अधिक है।
  • ‘मूल धातुओं’, ‘इलेक्ट्रिकल उपकरणों’ और ‘गैर-धात्विक खनिज उत्पादों’ ने सबसे अधिक औद्योगिक वृद्धि दी।
  • खनन क्षेत्र ने -7.2% की गिरावट दर्शाई, जो समग्र IIP को नीचे खींचने वाला एकमात्र प्रमुख घटक रहा।

समापन टिप्पणी

जुलाई 2025 में IIP की 3.5% वृद्धि भारतीय औद्योगिक परिदृश्य में एक सकारात्मक संकेत है, विशेष रूप से विनिर्माण और बुनियादी ढांचा वस्तुओं में हुए सुधार के कारण। हालांकि, खनन क्षेत्र की गिरावट चिंताजनक है और इसके पुनरुद्धार की आवश्यकता है। आगामी महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह वृद्धि रुझान बनी रहती है या नहीं।

Originally written on August 29, 2025 and last modified on August 29, 2025.

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