जापान में लॉन्च हुआ दुनिया का पहला येन आधारित स्थिर मुद्रा JPYC

जापान में लॉन्च हुआ दुनिया का पहला येन आधारित स्थिर मुद्रा JPYC

जापान ने वित्तीय तकनीकी क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए दुनिया की पहली येन आधारित स्थिर मुद्रा (स्टेबलकॉइन) — JPYC — को आधिकारिक रूप से लॉन्च कर दिया है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब जापान की अधिकांश आबादी अभी भी नकद और पारंपरिक भुगतान प्रणालियों पर निर्भर है। हालांकि यह एक छोटा कदम हो सकता है, लेकिन डिजिटल मुद्रा के भविष्य को लेकर यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण संकेतक है।

JPYC: जापानी बचत और सरकारी बांड्स द्वारा समर्थित

यह स्थिर मुद्रा जापानी स्टार्टअप JPYC द्वारा जारी की गई है, जो पूरी तरह से येन में परिवर्तनीय होगी और इसका समर्थन घरेलू बचत और जापान सरकार के बांड्स (JGB) द्वारा किया गया है। इसका उद्देश्य तेज़, सस्ता और सुरक्षित डिजिटल भुगतान उपलब्ध कराना है, और इसके लिए फिलहाल कोई लेनदेन शुल्क नहीं लिया जाएगा।
इस परियोजना से JPYC को JGB से अर्जित ब्याज से आय होगी, जिससे उपयोगकर्ताओं पर आर्थिक भार नहीं डाला जाएगा। यह मॉडल स्थिर मुद्रा को मुख्यधारा में लाने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • JPYC दुनिया की पहली स्थिर मुद्रा है जो जापानी येन पर आधारित है।
  • इसे जापानी स्टार्टअप JPYC द्वारा लॉन्च किया गया है और इसका समर्थन जापानी बचत और सरकारी बांड्स से किया गया है।
  • फिलहाल JPYC पर कोई ट्रांजैक्शन फीस नहीं होगी।
  • जापान में कैशलेस भुगतान का अनुपात 2010 में 13.2% से बढ़कर 2024 में 42.8% हो गया है।
  • जापान के तीन मेगा बैंक भी निकट भविष्य में संयुक्त रूप से स्थिर मुद्रा लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं।

वैश्विक स्थिर मुद्रा प्रवृत्ति और जापान की भूमिका

अमेरिका और चीन जैसे देश पहले ही स्थिर मुद्राओं की दिशा में बड़ी पहल कर चुके हैं। डॉलर आधारित स्थिर मुद्राएं इस समय वैश्विक बाजार का 99% से अधिक हिस्सा रखती हैं। दक्षिण कोरिया भी वॉन आधारित स्थिर मुद्रा की अनुमति देने की दिशा में कदम बढ़ा चुका है।
जापान ने 2023 में स्थिर मुद्रा को लेकर स्पष्ट नियम बनाए, जिससे JPYC जैसी परियोजनाएं संभव हो पाई हैं। हालांकि जापान में नकदी के प्रति झुकाव अभी भी अधिक है, लेकिन डिजिटल परिवर्तन की गति बढ़ रही है। बैंक ऑफ जापान के डिप्टी गवर्नर रयोजो हिमिनो ने हाल ही में कहा, “स्थिर मुद्राएं वैश्विक भुगतान प्रणाली में बैंक डिपॉजिट की जगह ले सकती हैं। इसलिए वैश्विक नियामकों को नई वास्तविकताओं के अनुरूप ढलना होगा।”

Originally written on October 29, 2025 and last modified on October 29, 2025.

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