जल प्रहार 2025: भारतीय नौसेना और थलसेना की संयुक्त द्वैवार्षिक युद्धाभ्यास की सफल परिणति

जल प्रहार 2025: भारतीय नौसेना और थलसेना की संयुक्त द्वैवार्षिक युद्धाभ्यास की सफल परिणति

भारतीय नौसेना और थलसेना ने मिलकर “जल प्रहार 2025” नामक संयुक्त द्वैवार्षिक युद्धाभ्यास को सफलतापूर्वक सम्पन्न किया। यह युद्धाभ्यास पूर्वी समुद्री तट पर आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य था त्रि-सेना समन्वय को सुदृढ़ करना, संचालनात्मक योजना और उभयचर अभियानों के निष्पादन में कुशलता प्राप्त करना।

दो चरणों में आयोजित हुआ अभ्यास

इस अभ्यास को दो प्रमुख चरणों में विभाजित किया गया था — हार्बर फेज और सी फेज।हार्बर फेज (16 से 20 सितंबर, विशाखापत्तनम):इस चरण में भारतीय थलसेना के जवानों को INS Gharial (एक मगार-श्रेणी का उभयचर युद्धपोत) पर सम्मिलित किया गया। प्रशिक्षण, सुरक्षा परिचय, समुद्री जीवन की जानकारी, खेल और आपसी संवाद जैसी गतिविधियाँ इस चरण का हिस्सा थीं। इसका उद्देश्य था सैनिकों को नौसेना परिवेश से परिचित कराना और आपसी सौहार्द बढ़ाना।
सी फेज (21 से 23 सितंबर, काकीनाडा):इस चरण में वास्तविक उभयचर अभियानों का प्रदर्शन हुआ। इसमें ‘हार्ड बीचिंग’, LCA (लैंडिंग क्राफ्ट असॉल्ट) और BMP (अम्फीबियस इन्फैंट्री फाइटिंग व्हीकल) का समुद्र से तट पर उतरना, SOPs (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) और संयुक्त प्रशिक्षण प्रोटोकॉल की मान्यता जैसे संचालन शामिल थे।

त्रि-सेना सहयोग और इंटरऑपरेबिलिटी का प्रदर्शन

यह अभ्यास भारतीय थलसेना और नौसेना के बीच अभूतपूर्व समन्वय, निर्बाध संचालन और संयुक्त क्षमता को प्रदर्शित करने वाला रहा। पूर्वी नौसेना कमान द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, “जल प्रहार 2025” ने संयुक्त अभियान की जटिलताओं से निपटने की तैयारियों को सशक्त किया है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • “जल प्रहार” भारतीय नौसेना और थलसेना का द्वैवार्षिक संयुक्त उभयचर युद्धाभ्यास है।
  • 2025 संस्करण 16 से 23 सितंबर तक विशाखापत्तनम और काकीनाडा में आयोजित हुआ।
  • INS Gharial एक मगार-श्रेणी का उभयचर युद्धपोत है जो सेना के जवानों को समुद्री अभियानों में ले जाने के लिए प्रयोग होता है।
  • BMP (Boyevaya Mashina Pekhoty) एक अम्फीबियस इन्फैंट्री फाइटिंग व्हीकल है जो जल और थल दोनों स्थानों पर युद्ध क्षमता रखता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *