जलवायु अनुकूलन वित्तीय अंतर: UNEP की 2025 रिपोर्ट की चेतावनी
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा जारी ‘एडैप्टेशन गैप रिपोर्ट 2025’ में विकासशील देशों के लिए जलवायु अनुकूलन लागतों के तेजी से बढ़ने की चेतावनी दी गई है, जबकि सार्वजनिक वित्तपोषण में गिरावट देखी जा रही है। यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब जमैका तूफान मेलिसा की तबाही से जूझ रहा है। रिपोर्ट में अनुकूलन को “जीवन रेखा” करार देते हुए तेज, अनुदान-आधारित वित्त और मजबूत न्यूनीकरण उपायों की तत्काल आवश्यकता बताई गई है।
वित्तीय अंतर की गहराई
रिपोर्ट के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक अनुकूलन वित्त 2023 में घटकर मात्र 26 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया, जो 2022 में 28 बिलियन डॉलर था। इससे सालाना अनुकूलन आवश्यकता और उपलब्ध वित्त के बीच का अंतर बढ़कर लगभग 284–339 बिलियन डॉलर हो गया है। यह तब है जब अत्यधिक वर्षा, बाढ़, भूस्खलन, गर्मी की लहरें और उष्णकटिबंधीय चक्रवात जैसी घटनाएं विकासशील देशों में अधिक बार और तीव्र होती जा रही हैं।
2035 तक अनुमानित अनुकूलन लागत
रिपोर्ट बताती है कि विकासशील देशों को 2035 तक हर वर्ष 310–365 बिलियन अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता होगी, जो 2023 की कीमतों पर आधारित है। यदि मुद्रास्फीति के हालिया रुझानों को ध्यान में रखा जाए, तो यह आवश्यकता 440–520 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। यह तथ्य इस ओर इशारा करता है कि यदि तत्काल वित्तीय ढांचे तैयार नहीं किए गए तो यह ऋण बोझ को और बढ़ा सकते हैं।
जलवायु लक्ष्यों की स्थिति
ग्लासगो जलवायु संधि के तहत 2019 के स्तर से अनुकूलन वित्त को 2025 तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया था, यानी लगभग 40 बिलियन डॉलर तक, परंतु वर्तमान स्थिति के अनुसार यह लक्ष्य अब भी दूर है। COP29 में 2035 तक जलवायु वित्त के लिए 300 बिलियन डॉलर प्रतिवर्ष का नया सामूहिक लक्ष्य तय किया गया है, लेकिन यह भी बढ़ती आवश्यकताओं को पूरी तरह पूरा नहीं कर पाएगा, विशेषकर जब यह धनराशि न्यूनीकरण और अनुकूलन दोनों में विभाजित होनी है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- विकासशील देशों के लिए अनुकूलन वित्त 2023 में गिरकर 26 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया।
- 2035 तक अनुमानित अनुकूलन आवश्यकता: 310–365 बिलियन डॉलर (2023 की कीमतें)।
- मुद्रास्फीति के अनुसार यह आवश्यकता 440–520 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है।
- ग्लासगो समझौते के तहत 2025 तक 40 बिलियन डॉलर का लक्ष्य संभवतः पूरा नहीं होगा।
नीति सुझाव और निजी निवेश की भूमिका
रिपोर्ट के अनुसार, अब अधिकांश देशों के पास कम से कम एक राष्ट्रीय अनुकूलन नीति या योजना है, लेकिन उनमें से कई को अद्यतन किए जाने की आवश्यकता है। अनुकूलन निधि, GEF और ग्रीन क्लाइमेट फंड के माध्यम से 2024 में वित्त प्रतिबद्धताओं में तीव्र वृद्धि देखी गई, लेकिन यह एक बार की वृद्धि हो सकती है। रिपोर्ट अनुदान और रियायती वित्त उपकरणों के व्यापक उपयोग की सिफारिश करती है और बताती है कि निजी पूंजी संभावित रूप से हर वर्ष लगभग 50 बिलियन डॉलर तक योगदान दे सकती है, बशर्ते जोखिम-न्यूनकरण और मिश्रित वित्त की रणनीतियां अपनाई जाएं।