जनवरी 2024 तक पूरा होगा दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (Delhi-Dehradun Expressway)

जनवरी 2024 तक पूरा होगा दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (Delhi-Dehradun Expressway)

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (Delhi-Dehradun Expressway) एक बहुप्रतीक्षित बुनियादी ढांचा परियोजना है जो दिल्ली के हलचल भरे शहर को देहरादून की सुंदर पहाड़ियों से जोड़ेगी। इस परियोजना से पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिलने और यात्रा के समय और दूरी को कम करने की उम्मीद है। 

परियोजना का अवलोकन

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे एक निर्माणाधीन 210 किमी लंबा, 6 से 12 लेन का एक्सेस-नियंत्रित एक्सप्रेसवे है, जो दिल्ली को देहरादून से जोड़ेगा। यह परियोजना लगभग 13,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जा रही है और यह दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों से होकर गुजरेगी। एक्सप्रेसवे में छह लेन होंगे, जिन्हें आठ लेन तक बढ़ाया जा सकता है और इसके जनवरी 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है।

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के लाभ

इस परियोजना से दिल्ली और देहरादून के बीच की दूरी 235 किमी से घटकर 210 किमी होने की उम्मीद है, जिससे यात्रा का समय 5-6 घंटे से घटकर केवल 2.5 घंटे रह जाएगा। इससे उन लोगों को बड़ी राहत मिलेगी जिन्हें बार-बार यह यात्रा करनी पड़ती है। एक्सप्रेस-वे पर्यटन के विकास को भी गति देगा, क्योंकि इससे लोगों को उत्तराखंड के खूबसूरत हिल स्टेशनों की यात्रा करने में आसानी होगी। इस परियोजना से रोजगार के अवसर पैदा होने और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

वन्यजीव संरक्षण गलियारा और डाट काली सुरंग

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे परियोजना में राजाजी राष्ट्रीय उद्यान (Rajaji National Park) में 12 किलोमीटर लंबे वन्यजीव संरक्षण गलियारे का निर्माण शामिल है। यह गलियारा वन्यजीवन पर प्रभाव को कम करने और पशु-वाहन टकराव से बचने में मदद करेगा। यह वन्यजीव आवास के संरक्षण और क्षेत्र की जैव विविधता को संरक्षित करने में भी मदद करेगा। परियोजना में गणेशपुर-देहरादून खंड में डाट काली सुरंग (Daat Kali tunnel) का निर्माण भी शामिल है। यह सुरंग वन्यजीवों के लिए एक सुरक्षित मार्ग प्रदान करेगी और उनके तनाव के स्तर को कम करेगी।

हरिद्वार से जुड़ाव

सहारनपुर-रुड़की-हरिद्वार एक्सप्रेसवे, जो निर्माणाधीन है, हरिद्वार को दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा। यह दिल्ली से हरिद्वार जाने वाले लोगों के लिए एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगा और इस क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।

Originally written on March 30, 2023 and last modified on March 30, 2023.
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