जनगणना में PVTG की अलग गणना की मांग: भारत के सबसे वंचित जनजातीय समूहों के लिए नीतिगत सुधार की दिशा में बड़ा कदम

जनजातीय कार्य मंत्रालय (MoTA) ने देश की आगामी जनगणना में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (Particularly Vulnerable Tribal Groups – PVTGs) की अलग से गणना करने की सिफारिश की है। यह पहल न केवल इन समुदायों की सटीक जनसंख्या और सामाजिक-आर्थिक स्थिति को जानने में सहायक होगी, बल्कि प्रधानमंत्री जनजाति न्याय महाअभियान (PM JANMAN) जैसी योजनाओं के लक्षित और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए भी आवश्यक मानी जा रही है।

कौन हैं PVTGs?

PVTGs, अनुसूचित जनजातियों (STs) की एक उप-श्रेणी हैं जिन्हें निम्नलिखित विशेषताओं के आधार पर चिन्हित किया गया है:

  • घटती या स्थिर जनसंख्या
  • भौगोलिक अलगाव
  • खेती से पहले की आजीविका पद्धति (जैसे शिकार, संग्रहण)
  • आर्थिक रूप से अत्यधिक पिछड़ापन
  • अत्यल्प साक्षरता

धीबर आयोग (1960-61) की सिफारिशों पर इन्हें 1974-79 की पंचवर्षीय योजना में Primitive Tribal Groups के रूप में पहचाना गया। 2006 में 23 और समूहों को जोड़ने के बाद, अब भारत में कुल 75 PVTGs हैं जो 18 राज्यों और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में फैले हैं।

अब तक क्यों नहीं हुई अलग गणना?

  • कभी भी किसी जनगणना में PVTGs की स्वतंत्र रूप से गणना नहीं की गई है।
  • अधिकतर समूह ST श्रेणी के व्यापक नामों में सम्मिलित होते हैं, जिससे उनकी अलग पहचान नहीं बनती
  • 75 में से केवल 40 PVTGs ‘सिंगल एंट्री’ STs के रूप में अधिसूचित हैं, जैसे कि बैगा (मध्यप्रदेश), जबकि अन्य जैसे अबूझ मड़िया, हिल कोरबा, आदि सामान्य ST सूची में समाहित हैं।

वर्तमान अनुमान और सरकार की योजना

  • PM JANMAN योजना नवंबर 2023 में ₹24,104 करोड़ की लागत से शुरू की गई।
  • 47.5 लाख PVTGs की जनसंख्या का अनुमान —

    • मध्यप्रदेश: 13.22 लाख
    • महाराष्ट्र: 6.7 लाख
    • आंध्र प्रदेश: 5.18 लाख
  • 2011 जनगणना के अनुसार 13 PVTGs की जनसंख्या 1,000 से भी कम थी।

    • सबसे कम: सेंटिनेली (15 व्यक्ति)
    • सबसे अधिक: बैगा (4,14,526 व्यक्ति)

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • धीबर आयोग के आधार पर PVTGs की पहचान हुई (1960-61)।
  • 1974-79 में 52 समूह PVTG घोषित किए गए, और 2006 में 23 नए जोड़े गए
  • जनगणना 2011 में केवल बैगा को अलग से गिना गया।
  • PVTGs की गणना पहली बार अलग से करने की सिफारिश MoTA ने RGI को 2025 में भेजे पत्र के माध्यम से की।

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