गोवा में पांच-स्तरीय कचरा पृथक्करण प्रणाली: पर्यावरणीय प्रबंधन की नई दिशा
गोवा वेस्ट मैनेजमेंट कॉरपोरेशन (GWMC) ने राज्य में कचरा प्रबंधन प्रणाली को और प्रभावी बनाने के लिए एक नई पांच-स्तरीय कचरा पृथक्करण मॉडल की घोषणा की है। यह निर्णय मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की अध्यक्षता में हुई 17वीं बोर्ड बैठक में लिया गया। इस पहल का उद्देश्य शिक्षा संस्थानों के माध्यम से पर्यावरणीय उत्तरदायित्व को बढ़ावा देना और सुनियोजित कचरा निपटान पद्धति को स्थापित करना है।
पांच-स्तरीय पृथक्करण प्रणाली का स्वरूप
नए मॉडल के अंतर्गत पहले से लागू चार ड्राय कचरे और एक वेट कचरे की प्रणाली को और अधिक स्पष्टता के साथ लागू किया जाएगा। ड्राय कचरा अब निम्नलिखित चार श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा:
- प्लास्टिक
- कागज़ और कार्डबोर्ड
- धातु और कांच
- नॉन-रिसायक्लेबल जैसे थर्मोकॉल
वेट कचरा श्रेणी में भोजन के अवशेष शामिल रहेंगे। इसके अलावा, घरेलू जैव-चिकित्सीय कचरे जैसे सैनिटरी नैपकिन और डायपर को अलग से एकत्र करने की व्यवस्था की जाएगी ताकि उसका सुरक्षित और स्वच्छ निपटान सुनिश्चित हो सके।
सतत कचरा प्रबंधन के अन्य कदम
GWMC ने राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों में सैनिटरी वेस्ट के लिए इनसिनिरेटर और डिस्पेंसर लगाने की स्वीकृति दी है, जिससे मासिक धर्म से संबंधित कचरे का वैज्ञानिक ढंग से निपटारा हो सके। इसके अतिरिक्त, डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के लिए नई एजेंसियों और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट्स (PMC) को नामांकित करने का निर्णय भी लिया गया है।
GWMC, स्किल डेवलपमेंट निदेशालय और गोवा स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के साथ मिलकर एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करेगा, जिसके तहत ‘वेस्ट मैनेजमेंट टेक्नीशियन’ कोर्स शुरू किया जाएगा — यह भविष्य के लिए विशेषज्ञ जनशक्ति तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- गोवा ने शिक्षा संस्थानों में पांच-स्तरीय कचरा पृथक्करण मॉडल लागू किया।
- प्लास्टिक, कागज़, कांच, जैव-चिकित्सीय और अन्य कचरों के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई।
- मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने GWMC की 17वीं बोर्ड बैठक की अध्यक्षता की।
- जैव-गैस उत्पादन के लिए विकेन्द्रीकृत बायोमीथनेशन को PPP मॉडल के तहत बढ़ावा मिलेगा।
विरासती कचरे और आधारभूत परियोजनाएँ
GWMC ने कनकोलिम स्थित सनराइज़ जिंक से विरासती खतरनाक कचरे को हटाने का भी निर्णय लिया है, जिसे पिस्सुरलेम के अधिकृत निपटान केंद्र पर ले जाया जाएगा। साथ ही सलीगांव और तालेगांव के लिए वेट वेस्ट कलेक्शन वाहनों की खरीद को भी मंजूरी दी गई है, जिसमें GIZ की वित्तीय सहायता शामिल होगी।
सहयोग और पुनर्चक्रण परियोजनाएँ
बोर्ड ने नॉर्वे की संस्था SINTEF के साथ निर्माण और विध्वंस कचरा प्रबंधन के लिए सहयोग को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, Village Recyclers Foundation के साथ मिलकर PET बोतल पुनर्चक्रण की एक पायलट परियोजना शुरू की जाएगी, जिसका उद्देश्य महिला स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाना और समुदायों में सर्कुलर इकोनॉमी को प्रोत्साहित करना है।