केरल सरकार की नई पहल: प्रवासी समुदाय के लिए “नॉरका केयर” बीमा योजना की शुरुआत

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य के प्रवासी समुदाय को समर्पित एक अनूठी स्वास्थ्य बीमा योजना — “नॉरका केयर” — की औपचारिक शुरुआत की। यह योजना NORKA Roots द्वारा राज्य सरकार के सहयोग से शुरू की गई है और इसे देश में अपनी तरह की पहली पहल बताया गया है। इसका उद्देश्य प्रवासी केरलवासियों (NRKs) और उनके परिवारों को सुलभ और व्यापक स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करना है।
योजना की प्रमुख विशेषताएं
“नॉरका केयर” योजना 1 नवंबर 2025 से प्रभाव में आएगी, जिसे मुख्यमंत्री ने “केरल पिरवी” के उपलक्ष्य में प्रवासी समुदाय को एक उपहार के रूप में प्रस्तुत किया। इस योजना के अंतर्गत कई उल्लेखनीय लाभ प्रदान किए जाएंगे:
- कैशलेस उपचार की सुविधा केरल के 500 से अधिक और भारत भर के 16,000 अस्पतालों में उपलब्ध होगी।
- पूर्व-विद्यमान बीमारियों (pre-existing illnesses) को भी योजना के अंतर्गत कवर किया गया है।
- कोई मेडिकल जांच की आवश्यकता नहीं — सरल और सुलभ पंजीकरण प्रक्रिया।
- वरिष्ठ नागरिकों को भी मिलेगा लाभ — 70 वर्ष तक की आयु के लोग पात्र हैं।
- कम प्रीमियम दरें, जो बाजार में उपलब्ध अन्य योजनाओं की तुलना में काफी कम हैं।
मुख्यमंत्री विजयन ने बताया कि पहले ही कई प्रवासी केरलवासी, जिन्होंने “प्रवासी आईडी कार्ड” प्राप्त किया है, योजना के लिए पंजीकरण कर चुके हैं।
सरकार की प्रतिबद्धता और भविष्य की योजनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बीमा योजना “लोका केरल सभा” के दौरान प्रस्तुत विचार का परिणाम है। वर्तमान में उपचार की सुविधा भारत तक सीमित है, लेकिन निकट भविष्य में इसे विदेशों में भी विस्तार देने की योजना है। इसके अतिरिक्त, सरकार ने प्रवासी कल्याण योजनाओं के लिए ₹150 करोड़ का बजट निर्धारित किया है, जिसमें कानूनी सहायता और नौकरी पोर्टल जैसी सेवाएं भी शामिल हैं।
वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल ने इसे केरल के इतिहास में एक नया अध्याय बताया और कहा कि सरकार प्रवासियों को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे वह वीजा से जुड़ी चुनौतियाँ हों या विदेशों में विरोध प्रदर्शन।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- “नॉरका केयर” योजना भारत में अपनी तरह की पहली प्रवासी-केंद्रित स्वास्थ्य बीमा योजना है।
- यह योजना 1 नवंबर को केरल पिरवी दिवस पर शुरू हो रही है।
- योजना का क्रियान्वयन NORKA Roots द्वारा किया गया, जो प्रवासी केरलवासियों के लिए गठित एक सरकारी निकाय है।
- सरकार ने प्रवासी कल्याण योजनाओं हेतु ₹150 करोड़ का वार्षिक बजट तय किया है।