कमचटका भूकंप: कारण, प्रभाव और सूनामी से जुड़ी जानकारी

रूस के फार ईस्ट में स्थित कमचटका प्रायद्वीप के तट से 136 किमी दूर आए 8.8 तीव्रता वाले भूकंप ने जापान, अमेरिका के पश्चिमी तट और हवाई जैसे क्षेत्रों में सूनामी चेतावनियां और निकासी की स्थिति उत्पन्न कर दी है। यह भूकंप न केवल 2011 के जापान भूकंप के बाद सबसे बड़ा है, बल्कि पृथ्वी की प्लेटों की सक्रियता के गंभीर संकेत भी देता है।

कमचटका क्षेत्र की भौगोलिक संवेदनशीलता

कमचटका प्रायद्वीप लगभग 1,250 किमी लंबा क्षेत्र है जो उत्तर-पश्चिमी प्रशांत महासागर में फैला है। यह क्षेत्र इतिहास में कई बार भीषण भूकंपों का केंद्र रहा है — 1923, 1952, 1959, 2006 और 2020 में यहाँ बड़े भूकंप आए। अधिकतर भूकंपों के साथ सूनामी भी उत्पन्न हुए हैं, जिससे यह क्षेत्र अत्यधिक भूकंपीय रूप से संवेदनशील माना जाता है।

प्लेट टेक्टोनिक्स और ‘रिंग ऑफ फायर’

कमचटका का दक्षिणी भाग उस क्षेत्र पर स्थित है जहां प्रशांत प्लेट ओखोत्स्क माइक्रोप्लेट के नीचे खिसक रही है। इस उप-प्रवेश (subduction) से कुरिल-कमचटका ट्रेंच का निर्माण हुआ है, जो समुद्र की सतह से लगभग 10 किमी गहरी है। प्लेटों की इस गति (86 मिमी प्रति वर्ष) से अक्सर मेगाथ्रस्ट फॉल्ट्स पर दरारें आती हैं और भूकंप उत्पन्न होते हैं।
कमचटका क्षेत्र ‘रिंग ऑफ फायर’ का हिस्सा है — यह वह घेरा है जो प्रशांत महासागर के चारों ओर फैला है और जिसमें दुनिया के अधिकांश ज्वालामुखी और भूकंप आते हैं। यह रिंग 40,250 किमी लंबी है और इसमें अमेरिका, जापान, रूस, इंडोनेशिया, चिली जैसे 15 से अधिक देश शामिल हैं।

भूकंप से सूनामी कैसे उत्पन्न होती है?

सूनामी उत्पन्न होने के लिए भूकंप को समुद्र के नीचे होना चाहिए, और उसकी गहराई 70 किमी से कम होनी चाहिए। कमचटका का यह भूकंप केवल 19.3 किमी की गहराई पर हुआ, जिससे समुद्र तल की सतह में अचानक ऊपर-नीचे होने की स्थिति बनी और सूनामी की उत्पत्ति हुई।
यह भूकंप “रिवर्स फॉल्टिंग” का परिणाम था, जिसमें प्लेटें एक-दूसरे को दबाते हुए खिसकती हैं, जिससे समुद्र तल ऊपर उठता है या धँसता है। इस गति से समुद्र की बड़ी मात्रा में पानी एकसाथ विस्थापित होता है और लहरों के रूप में दूर-दराज के क्षेत्रों तक पहुंचता है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • यह भूकंप 8.8 तीव्रता का था, जो 2011 के जापान भूकंप (9.0 तीव्रता) के बाद सबसे बड़ा है।
  • कमचटका क्षेत्र में औसतन हर 20-30 वर्षों में बड़े भूकंप आते हैं।
  • ‘रिंग ऑफ फायर’ विश्व के लगभग 75% सक्रिय ज्वालामुखियों का घर है।
  • सबसे शक्तिशाली भूकंप 1960 में चिली में आया था जिसकी तीव्रता 9.5 थी।

कमचटका भूकंप से उत्पन्न सूनामी की लहरें 16 फीट तक ऊंची मापी गईं, जो हवाई और कैलिफोर्निया के तटों तक पहुंच गईं। अमेरिका के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार यह अब तक के छठे सबसे शक्तिशाली भूकंपों में गिना गया है। इस घटना ने एक बार फिर वैश्विक स्तर पर भूकंपीय जोखिम और आपदा प्रबंधन की तैयारियों की महत्ता को रेखांकित किया है। भविष्य की आपदाओं से निपटने के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान, चेतावनी प्रणाली और सामुदायिक जागरूकता को और अधिक सुदृढ़ करने की आवश्यकता है।

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