कपास क्रांति मिशन: उच्च गुणवत्ता वाली कपास उत्पादन की दिशा में केंद्र की नई पहल

कपास क्रांति मिशन: उच्च गुणवत्ता वाली कपास उत्पादन की दिशा में केंद्र की नई पहल

भारत सरकार ने देश में दीर्घ-रेशा और उच्च उत्पादन वाली कपास की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए ₹600 करोड़ के ‘कपास क्रांति मिशन’ की शुरुआत की है। इस मिशन का उद्देश्य वैज्ञानिक अनुसंधान, तकनीकी नवाचार और विस्तार सेवाओं के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाना है। विशेष रूप से महाराष्ट्र के अकोला क्षेत्र में हाई-डेन्सिटी प्लांटेशन (HDP) तकनीक ने कपास उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि की है, जिसे अब तेलंगाना में भी लागू करने की योजना है।

तेलंगाना में HDP तकनीक को बढ़ावा

केंद्रीय कोयला एवं खनन मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने बताया कि तेलंगाना के किसान, विशेषकर अकोला का दौरा कर HDP तकनीकों को प्रत्यक्ष रूप से समझेंगे और उसके बाद उचित बीजों की आपूर्ति कर उन्हें इन तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके लिए एक फसलोपरांत अवलोकन यात्रा की भी योजना बनाई जा रही है, जिससे किसान इस आधुनिक पद्धति के लाभों को जान सकें।
तेलंगाना वर्तमान में देश का सबसे बड़ा कपास उत्पादक राज्य है, जहाँ लगभग 24 लाख किसान कपास की खेती में लगे हुए हैं। इस पृष्ठभूमि में HDP जैसी उन्नत तकनीकों का प्रयोग उत्पादन में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।

किसान सुविधा के लिए ‘कपास किसान ऐप’

सरकार द्वारा ‘कपास किसान ऐप’ नामक मोबाइल एप्लिकेशन भी लॉन्च किया जा रहा है, जो किसानों को फसल बेचने के लिए स्लॉट बुकिंग करने में सहायता करेगा। इस ऐप के माध्यम से किसान बिचौलियों से बचते हुए सीधे उचित मूल्य पर अपनी उपज बेच सकेंगे। ऐप दिवाली के बाद लाइव होगा और किसानों को इसकी जानकारी देने के लिए 5 दिवसीय जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है।
गाँव-गाँव में कृषि और मार्केटिंग अधिकारियों, पंचायत सदस्यों, और प्रगतिशील किसानों की सहायता से इस ऐप के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। 122 खरीद केंद्र दिवाली के बाद चालू होंगे, जहाँ पर किसानों की शिकायतों के समाधान और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए जिला कलेक्टरों के नेतृत्व में समितियाँ गठित की गई हैं।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • कपास क्रांति मिशन की लागत ₹600 करोड़ है, जिसे केंद्र सरकार ने शुरू किया है।
  • तेलंगाना में लगभग 24 लाख किसान कपास की खेती करते हैं, जिससे यह राज्य भारत का शीर्ष कपास उत्पादक बन गया है।
  • केंद्र सरकार ने 2014-2024 के बीच 473 लाख गांठ कपास खरीदी, जिस पर ₹1.37 लाख करोड़ खर्च किए गए।
  • ‘कपास किसान ऐप’ दिवाली के बाद लॉन्च होगा, जिससे किसान स्लॉट बुकिंग कर सकेंगे और सीधे फसल बेच सकेंगे।

किसानों के लिए सुरक्षा और समर्थन

सरकार गिनिंग मिलों और बिचौलियों द्वारा की जा रही गड़बड़ियों पर भी सख्त कार्रवाई कर रही है। नकली बीज बेचने वाली कंपनियों और डीलरों के खिलाफ भी पीडी एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है और लाइसेंस रद्द किए जा रहे हैं। इसके अलावा, कृषि अधिकारियों और तकनीकी रूप से प्रशिक्षित युवाओं को किसानों की डिजिटल सहायता के लिए तैनात किया गया है।

Originally written on October 20, 2025 and last modified on October 20, 2025.

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