ओजोन प्रदूषण की चपेट में सबसे ज्यादा NCR और मुंबई, CPCB की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे

ओजोन प्रदूषण की चपेट में सबसे ज्यादा NCR और मुंबई, CPCB की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा सौंपी गई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में ग्राउंड-लेवल ओजोन (O₃) प्रदूषण से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) और मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र (MMR) हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में NCR के 57 में से 25 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों पर ओजोन स्तर निर्धारित मानक से 2% अधिक पाया गया, जबकि मुंबई में यह संख्या 45 में से 22 रही।

खतरनाक स्तर तक पहुंचा ओजोन प्रदूषण

CPCB ने देश के 10 प्रमुख क्षेत्रों में ओजोन के स्तर का विश्लेषण किया। रिपोर्ट के अनुसार, NCR और MMR के चार-चार स्टेशन तथा पुणे का एक स्टेशन वर्ष 2023 में एक घंटे की ओजोन सीमा (180 माइक्रोग्राम/घन मीटर) को पार कर गया। आठ घंटे के लिए तय मानक 100 माइक्रोग्राम/घन मीटर है। CPCB ने यह आंकड़े उन स्टेशनों के लिए जारी किए हैं, जहां प्रदूषण स्तर तय सीमा से 2% या अधिक बढ़ा हुआ पाया गया।

ओजोन कैसे बनती है और क्यों खतरनाक है?

ग्राउंड-लेवल ओजोन जटिल रासायनिक प्रक्रियाओं द्वारा बनती है, जिसमें वाष्पशील जैविक यौगिक (VOCs) और नाइट्रोजन ऑक्साइड्स (NOx) की सूर्य के प्रकाश के साथ प्रतिक्रियाएं शामिल होती हैं। इसके अलावा, कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) और मीथेन (CH₄) जैसे गैसों का उत्सर्जन — जो घरेलू व कृषि गतिविधियों से होता है — भी ओजोन निर्माण में योगदान देते हैं।
जहां एक ओर समताप मंडल (Stratosphere) में ओजोन परत सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से सुरक्षा करती है, वहीं धरातल पर पाई जाने वाली ओजोन गैस अत्यंत प्रतिक्रियाशील और विषैली होती है। यह श्वसन संबंधी समस्याएं, गले में जलन, सीने में दर्द और फेफड़ों की रुकावट जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है।

प्रदूषण के प्रमुख स्रोत

CPCB की रिपोर्ट में परिवहन क्षेत्र, थर्मल पावर प्लांट और औद्योगिक गतिविधियों को ओजोन प्रदूषण के मुख्य स्रोत बताया गया है। इसके अलावा, प्राकृतिक स्रोत जैसे वनस्पति उत्सर्जन, मिट्टी से उत्सर्जित NOx, जंगलों में आग से उत्पन्न CO और मीथेन उत्सर्जन भी इस समस्या को बढ़ावा देते हैं।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • आठ घंटे के लिए सुरक्षित ओजोन स्तर: 100 µg/m³; एक घंटे के लिए: 180 µg/m³।
  • वर्ष 2023 में NCR के 25 और मुंबई के 22 स्टेशनों ने आठ घंटे की सीमा को पार किया।
  • NGT ने अगस्त 2023 में इस मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लिया था।
  • अध्ययन में शामिल 10 क्षेत्र: दिल्ली-NCR, मुंबई, पुणे, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, लखनऊ, जयपुर और आसपास के क्षेत्र।

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