ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना को आपातकालीन रक्षा सशक्तिकरण: 1,981.90 करोड़ की रक्षा खरीद

भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकवाद रोधी अभियानों में तैनात सैनिकों की युद्ध क्षमता, गतिशीलता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए आपातकालीन खरीद (Emergency Procurement – EP) तंत्र के तहत 13 रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। इनकी कुल लागत ₹1,981.90 करोड़ है और यह कदम भारतीय सेना की तत्काल परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

क्या है आपातकालीन रक्षा खरीद तंत्र?

EP तंत्र का उद्देश्य उन रक्षा उपकरणों की त्वरित खरीद सुनिश्चित करना है, जिनकी तत्काल आवश्यकता हो। यह प्रक्रिया पारंपरिक रक्षा खरीद प्रणाली की तुलना में कहीं अधिक तेज़ होती है। इस प्रणाली की शुरुआत 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट हवाई हमलों के बाद की गई थी, और 2020 के लद्दाख गतिरोध के बाद इसका व्यापक विस्तार हुआ।

इस बार की मुख्य खरीदें

रक्षा मंत्रालय द्वारा घोषित 13 खरीदों में निम्नलिखित महत्वपूर्ण प्रणालियाँ और उपकरण शामिल हैं:

  • इंटीग्रेटेड ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम (IDDIS)
  • लो लेवल लाइटवेट रडार (LLLR)
  • वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (VSHORADs) — लॉन्चर और मिसाइलें
  • लूटरिंग म्यूनिशन, जिसमें वर्टिकल टेक-ऑफ एंड लैंडिंग (VTOL) प्रणाली शामिल है
  • बुलेटप्रूफ जैकेट्स और बैलिस्टिक हेलमेट्स
  • क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल्स (QRFVs) — हैवी और मीडियम
  • राइफलों के लिए नाइट साइट्स

ये सभी उपकरण पूरी तरह स्वदेशी हैं और भारतीय रक्षा उत्पादन क्षमता की मजबूती को दर्शाते हैं।

रणनीतिक और सामरिक महत्व

पिछले महीने ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर कार्रवाई की थी। इसके बाद दोनों देशों के बीच तीन दिनों तक जवाबी हमले हुए। ऐसे में भारतीय सेना की परिचालन क्षमता को तुरंत बढ़ाने की आवश्यकता महसूस की गई।
तेजी से की गई यह खरीद सेना की रैपिड डिप्लॉयमेंट और सुरक्षा बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर जम्मू-कश्मीर और एलओसी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • EP तंत्र का उपयोग पहली बार 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद किया गया था।
  • VSHORADs प्रणाली का प्रयोग कम दूरी पर हवाई हमलों को रोकने के लिए किया जाता है।
  • लूटरिंग म्यूनिशन एक प्रकार का ड्रोन है जो लक्ष्य के ऊपर मंडराता है और आदेश मिलने पर आत्मघाती हमला करता है।
  • HAMMER और Spice Bombs जैसे हथियार भी पहले आपातकालीन शक्तियों के अंतर्गत खरीदे जा चुके हैं।

रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने हाल ही में कहा कि सरकार ने तीनों सेनाओं को उनकी पूंजीगत बजट का 15% आपातकालीन जरूरतों पर खर्च करने की अनुमति दी है। यह निर्णय भारत की बदलती सुरक्षा परिस्थितियों को देखते हुए लिया गया है।
भारत की सैन्य खरीद नीतियों में यह बदलाव इस बात का संकेत है कि देश अब न केवल पारंपरिक युद्ध के लिए, बल्कि आधुनिक आतंकवाद और हाइब्रिड युद्ध की चुनौतियों से निपटने के लिए भी तत्पर है। EP तंत्र, भारतीय सेना की तत्काल जरूरतों को पूरा करने और उसकी युद्धक क्षमता को तेज़ी से बढ़ाने का एक प्रभावी माध्यम बन चुका है।

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