ऑपरेशन राहत: बाढ़ प्रभावित उत्तर भारत में भारतीय सेना का मानवीय मिशन

ऑपरेशन राहत: बाढ़ प्रभावित उत्तर भारत में भारतीय सेना का मानवीय मिशन

पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में चल रहे ‘ऑपरेशन राहत’ के तहत भारतीय सेना की पश्चिमी कमान द्वारा बड़े पैमाने पर मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) अभियान संचालित किए जा रहे हैं। इन पहाड़ी और सीमावर्ती क्षेत्रों में हाल की प्राकृतिक आपदाओं ने कई जानें ली हैं और व्यापक तबाही मचाई है। ऐसे समय में भारतीय सेना राहत और पुनर्वास की रीढ़ बनी हुई है।

राहत अभियानों की तीव्र गति और कार्य योजना

पिछले दो सप्ताहों में सेना द्वारा कुल 82 HADR मिशनों को अंजाम दिया गया है, जिसमें 59 आर्मी कॉलम (17 इंजीनियर टास्क फोर्स सहित) की तैनाती की गई। इन अभियानों के दौरान 6,000 से अधिक नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया, जिनमें लगभग 300 अर्धसैनिक बलों के जवान भी शामिल हैं। साथ ही, 13,000 से अधिक लोगों को चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई गई, जिनमें कई गंभीर रूप से बीमार मरीजों की आपातकालीन निकासी भी शामिल थी।
जरूरी दवाइयों, पानी और 48 टन राशन की आपूर्ति हेलीकॉप्टरों और ग्राउंड कॉलम्स के जरिए प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचाई गई। इस पूरे अभियान में वायु सेना और सेना के एविएशन संसाधनों जैसे MI-17, चेतक, एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर और चिनूक हेलीकॉप्टरों ने मिलकर 250 घंटे से अधिक उड़ानें भरीं।

अवसंरचना बहाली और सामुदायिक सहायता

सेना इंजीनियरिंग टीमों द्वारा बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में तुरंत कार्रवाई करते हुए सड़कों की मरम्मत, पुलों के निर्माण और बाढ़ के पानी के बहाव को मोड़ने जैसे कार्य किए जा रहे हैं। जम्मू तवी में 29 अगस्त को 12 घंटे के भीतर एक बेली ब्रिज बनाकर शहर की महत्वपूर्ण कड़ी को पुनः स्थापित किया गया। इसी तरह, जम्मू के भगवती नगर क्षेत्र में मोबाइल कनेक्टिविटी को बहाल करने के लिए 2 किलोमीटर से अधिक ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई गई।
स्वास्थ्य सेवाओं के अंतर्गत, कई स्थानों पर चिकित्सा शिविर लगाए गए हैं जो प्राथमिक चिकित्सा के साथ-साथ महामारी की रोकथाम में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। साथ ही, आपदा में फंसे लोगों के लिए सामुदायिक रसोई (लंगर) की भी व्यवस्था की गई है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • ‘ऑपरेशन राहत’ के तहत अब तक 82 मानवीय सहायता मिशन पूरे किए जा चुके हैं।
  • 6,000 से अधिक नागरिकों और 300 अर्धसैनिक बलों के कर्मियों को सुरक्षित निकाला गया।
  • सेना एविएशन और वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने 250+ घंटे की राहत उड़ानें भरीं।
  • जम्मू तवी में 12 घंटे में बना बेली ब्रिज शहर की जीवनरेखा बना।
  • 48 टन राशन, दवाइयां और पानी प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाया गया।

भारतीय सेना का यह समन्वित और सटीक राहत अभियान देश की आपदा प्रबंधन क्षमताओं की सशक्त तस्वीर पेश करता है। सेना, नागरिक प्रशासन, NDRF और SDRF के सामूहिक प्रयासों ने यह सुनिश्चित किया कि न केवल जानें बचें, बल्कि जीवन भी शीघ्र सामान्य हो। यह मिशन देश की एकता, संवेदनशीलता और सेवा भावना का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

Originally written on September 10, 2025 and last modified on September 10, 2025.

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