एक लाख करोड़ की अनुसंधान, विकास और नवाचार (RDI) योजना को मंजूरी: आत्मनिर्भर और विकसित भारत की दिशा में बड़ा कदम

एक लाख करोड़ की अनुसंधान, विकास और नवाचार (RDI) योजना को मंजूरी: आत्मनिर्भर और विकसित भारत की दिशा में बड़ा कदम

भारत सरकार ने अनुसंधान और नवाचार क्षेत्र को मजबूत करने के उद्देश्य से अनुसंधान, विकास और नवाचार (RDI) योजना को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस महत्वाकांक्षी योजना को स्वीकृति मिली, जिसका कुल बजट ₹1 लाख करोड़ निर्धारित किया गया है।

योजना के मुख्य उद्देश्य

  • निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन देना ताकि वह सनराइज और रणनीतिक क्षेत्रों में अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा दे।
  • उच्च Technology Readiness Levels (TRL) वाली परियोजनाओं को वित्तीय सहायता देना।
  • रणनीतिक या अत्यधिक आवश्यक तकनीकों के अधिग्रहण का समर्थन।
  • Deep-Tech Fund of Funds की स्थापना को बढ़ावा देना।

योजना की संरचना और कार्यान्वयन

  • ANRF की गवर्निंग बोर्ड, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करेंगे, योजना को रणनीतिक दिशा देगी।
  • Executive Council (EC) योजनागत दिशानिर्देशों को स्वीकृति देगी तथा सेक्टर और परियोजनाओं का निर्धारण करेगी।
  • Empowered Group of Secretaries (EGoS) योजना में बदलाव, सेक्टर चयन और प्रदर्शन मूल्यांकन का कार्य करेगा।
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) इस योजना का नोडल विभाग होगा।

दो-स्तरीय वित्तीय तंत्र

  1. विशेष प्रयोजन निधि (SPF): यह ANRF के अंतर्गत बनेगा और निधियों का संरक्षक होगा।
  2. द्वितीय स्तर के फंड प्रबंधक: इन्हें SPF से निधियां प्रदान की जाएंगी, जो दीर्घकालिक ऋण के रूप में होंगी (कम या शून्य ब्याज दर पर)। विशेषकर स्टार्टअप्स को इक्विटी निवेश भी किया जा सकेगा।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • योजना की कुल राशि: ₹1,00,000 करोड़
  • नोडल मंत्रालय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
  • निगरानी निकाय: ANRF, EC और EGoS
  • लाभार्थी: निजी कंपनियां, स्टार्टअप्स, रणनीतिक तकनीकी परियोजनाएं
  • वित्तीय स्वरूप: दीर्घकालिक ऋण, शून्य या कम ब्याज पर; आवश्यकतानुसार इक्विटी निवेश

इस योजना का उद्देश्य भारत को नवाचार आधारित अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करना है, जिससे देश विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की दिशा में सशक्त कदम बढ़ा सके। यह न केवल वैज्ञानिक स्वावलंबन को बल देगा, बल्कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत की स्थिति को भी सुदृढ़ करेगा।

Originally written on July 2, 2025 and last modified on July 2, 2025.

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